Pope Francis: जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो को दुनिया पोप फ्रांसिस नाम से जानती?, जीवन की प्रमुख घटनाएं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 21, 2025 16:45 IST2025-04-21T16:44:39+5:302025-04-21T16:45:40+5:30

Pope Francis: कैथोलिक समुदाय के पहले लैटिन अमेरिकी पादरी पोप फ्रांसिस ने 88 साल की उम्र में सोमवार को अंतिम श्वांस ली।

Pope Francis live world know Jorge Mario Bergoglio as Pope Francis Major events of his life timeline pontiff's life and career | Pope Francis: जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो को दुनिया पोप फ्रांसिस नाम से जानती?, जीवन की प्रमुख घटनाएं

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Highlightsजॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो का जन्म अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था।बेटी रेजिना मारिया सिवोरी की पांच संतानों में सबसे बड़े थे।जेसुइट धार्मिक आदेश के तहत पादरी नियुक्त किये गये

वेटिकन सिटीः जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो को दुनिया पोप फ्रांसिस नाम से जानती है जिन्होंने अपने विनम्र स्वभाव और गरीबों के प्रति चिंता से एक सहृदय पोप के रूप में विश्व पर अपनी अमिट छाप छोड़ी। कैथोलिक समुदाय के पहले लैटिन अमेरिकी पादरी पोप फ्रांसिस ने 88 साल की उम्र में सोमवार को अंतिम श्वांस ली।

जीवन की प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं -

17 दिसंबर 1936: जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो का जन्म अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था। वह इटली के एक अकाउंटेंट मारियो जोस बर्गोग्लियो और इतालवी आप्रवासी की बेटी रेजिना मारिया सिवोरी की पांच संतानों में सबसे बड़े थे।

13 दिसंबर, 1969: वह जेसुइट धार्मिक आदेश के तहत पादरी नियुक्त किये गये जिसका उन्होंने 1970 के दशक में अर्जेंटीना के प्रांतीय प्रमुख के तौर पर नेतृत्व किया। यह वह वक्त था जब देश में तानाशाही की शुरुआत हुई थी।

20 मई, 1992: जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो ब्यूनस आयर्स के सहायक बिशप नियुक्त किये गये तथा 1998 में अर्जेंटीना की राजधानी के आर्कबिशप के रूप में कार्डिनल एंटोनियो क्वारासिनो का स्थान लिया।

21 फरवरी, 2001: सेंट जॉन पॉल द्वितीय द्वारा जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो कार्डिनल पद पर पदोन्नत किए गए।

13 मार्च, 2013: जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो 266वें पोप चुने गए। वह अमेरिका से पहले पोप थे। इसके अलावा वह इस शीर्ष धार्मिक पद पर पहुंचने वाले पहले जेसुइट थे तथा सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी के बाद फ्रांसिस नाम अपनाने वाले प्रथम व्यक्ति थे।

13 अप्रैल, 2013: चर्च को संचालित करने और इसकी नौकरशाही को पुनर्गठित करने में सहायता के लिए फ्रांसिस ने विश्व भर के आठ कार्डिनल की अनौपचारिक सलाहकार टीम (किचन कैबिनेट) बनाई।

12 मई, 2013: "ओट्रान्टो के शहीदों" को संत घोषित किया गया। 1480 में तुर्की के आक्रमणकारियों द्वारा इस्लाम धर्म अपनाने की मांग को ठुकराने के कारण 813 इतावली मारे गए थे।

आठ जुलाई, 2013: पोप फ्रांसिस रोम से बाहर पहली यात्रा पर सिसिली के द्वीप लैम्पेदुसा पहुंचे, जहां उन्होंने नए प्रवासियों से मुलाकात की और भावी शरणार्थियों के प्रति दुनिया भर में दिखाई जा रही उदासीनता की निंदा की।

25 मई, 2014: फलस्तीनी मुद्दे के प्रति समर्थन प्रदर्शित करने के लिए, पोप फ्रांसिस पश्चिमी तट के बेतलहम शहर को इजराइल से अलग करने वाली दीवार पर प्रार्थना करने के लिए अचानक रुके।

आठ जून, 2014: वेटिकन गार्डन में शांति प्रार्थना के लिए पोप फ्रांसिस ने इजराइल और फलस्तीनी राष्ट्रपतियों की मेजबानी की।

10 जुलाई, 2015: औपनिवेशिक युग के दौरान अमेरिका के मूल निवासियों के विरुद्ध कैथोलिक चर्च के पापों और अपराधों के लिए पोप फ्रांसिस ने बोलीविया में क्षमा मांगी।

18 फरवरी, 2016: अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर मृत प्रवासियों के लिए पोप फ्रांसिस ने प्रार्थना की। बाद में उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पद के तत्कालीन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप सीमा पर दीवार बनाने की इच्छा रखने के कारण "ईसाई नहीं हैं।"

एक दिसंबर, 2017: म्यांमा के रोहिंग्या शरणार्थियों के साथ बांग्लादेश में एक बैठक में पोप फ्रांसिस ने कहा, "आज ईश्वर की उपस्थिति को भी रोहिंग्या कहा जाता है।"

12 अप्रैल, 2018: पोप फ्रांसिस ने चिली के यौन शोषण कांड में निर्णय में "गंभीर गलतियां" स्वीकार की। बाद में चिली के बिशपों को उनके इस्तीफे के लिए रोम बुलाया और पीड़ितों को माफी के लिए वेटिकन आमंत्रित किया।

तीन अगस्त, 2018: आधिकारिक चर्च शिक्षा में बदलाव करते हुए सभी परिस्थितियों में मृत्युदंड को “अस्वीकार्य” घोषित किया गया।

22 सितंबर, 2018: वेटिकन और चीन ने बिशप नामांकन पर ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किये।

चार फरवरी, 2019: मिस्र के अल अजहर विश्वविद्यालय के इमाम के साथ "मानव बंधुत्व" दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे कैथोलिक और मुसलमानों के बीच सहयोगात्मक संबंध स्थापित हुए।

नौ मई, 2019: नया चर्च कानून जारी किया गया, जिसके तहत पादरी द्वारा यौन शोषण की रिपोर्ट आंतरिक तौर पर दर्ज करने को आवश्यक किया गया है। हालांकि यह रिपोर्ट पुलिस को नहीं दी जाएगी। आरोपी बिशपों, कार्डिनलों और धार्मिक व्यक्तियों की जांच के लिए प्रक्रियाएं स्थापित की गईं।

24 नवंबर, 2019: जापान के हिरोशिमा और नागासाकी की यात्रा के दौरान पोप फ्रांसिस ने परमाणु हथियारों का उपयोग करने और उन्हें रखने को "अनैतिक" घोषित किया।

17 दिसंबर, 2019: पादरी यौन शोषण मामलों में "पोंटिफिकल गोपनीयता" के उपयोग को समाप्त कर दिया गया, जिससे बिशपों को उत्पीड़न करने वालों के बारे में आंतरिक दस्तावेज कानून प्रवर्तन के साथ साझा करने की अनुमति मिल गई।

पांच से आठ मार्च, 2021: इराक का दौरा करने वाले पहले पोप बने, वहां के शीर्ष शिया मुस्लिम धर्मगुरु से मुलाकात की।

चार जुलाई, 2021: रोम के जेमेली अस्पताल में पोप फ्रांसिस की आंत की सर्जरी हुई, बड़ी आंत का 33 सेंटीमीटर (13 इंच) का हिस्सा निकाला गया।

पांच जनवरी, 2023: पोप बेनेडिक्ट 16वें की अंतिम संस्कार प्रार्थना की अध्यक्षता की।

24 जनवरी, 2023: एसोसिएटेड प्रेस को दिए साक्षात्कार में पोप फ्रांसिस ने कहा कि “समलैंगिक होना कोई अपराध नहीं है।”

सात जून, 2023: उनकी आंत के घाव के ऊतकों को हटाने और हर्निया संबंधी सर्जरी हुई।

19 दिसंबर, 2023: समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद देने की मंजूरी दी गई, बशर्ते कि वे विवाह से मिलते-जुलते न हों । इसका अफ्रीका, एशिया और अन्य जगहों पर रूढ़िवादी बिशपों की ओर से कड़ा विरोध हुआ।

14 फरवरी, 2025: ब्रोंकाइटिस की स्थिति बिगड़ने के बाद पोप फ्रांसिस को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जो बाद में फेफड़ों के जटिल संक्रमण और निमोनिया का कारण बना।

23 मार्च, 2025: 38 दिनों के उपचार के बाद पोप फ्रांसिस को अस्पताल से छुट्टी मिली, लेकिन वह कमज़ोर और दुर्बल दिख रहे थे।

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