ब्रिटेन आम चुनाव के लिए मतदान शुरू, जानें यहां कैसे चुनी जाती है सरकार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 12, 2019 02:24 PM2019-12-12T14:24:54+5:302019-12-12T14:24:54+5:30
ब्रिटेन में आम चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बुधवार को पार्टी नेताओं ने अपने पक्ष में वोट जुटाने के लिए देश भर में पूरे दम-खम से अंतिम प्रयास किए।
ब्रिटेन में गुरुवार को आम चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। इन चुनाव नतीजों का असर सीधे तौर पर ब्रेक्जिट पर पड़ेगा। इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और नॉर्दर्न आयरलैंड में 4 हजार से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। आम चुनाव सभी 650 संसदीय सीटों पर आयोजित किए जा रहे हैं। ब्रिटेन में आम चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बुधवार को पार्टी नेताओं ने अपने पक्ष में वोट जुटाने के लिए देश भर में पूरे दम-खम से अंतिम प्रयास किए।
कैसे होते हैं ब्रिटेन के आम चुनाव
भारत में जिस तरह से लोकसभा सांसद का चुनाव होता है उसी तरह ब्रिटेन में लोग हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए अपने सांसद का चुनाव करते हैं। ब्रिटेन में कुल 650 संसदीय क्षेत्र हैं। इनमें से 533 क्षेत्र इंग्लैंड में, 59 स्कॉटलैंड में, 40 वेल्स में और18 नॉर्दर्न आयरलैंड में हैं।
चुनावों में जिस पार्टी को बहुमत मिलता है उसकी सरकार बनती है। खंडित जनादेश की स्थिति में कुछ पार्टियां मिलकर अल्पमत की सरकार भी बना सकती हैं। वहां भी सरकार बनाने की व्यवस्था भारत की तरह ही है।
बोरिस जॉनसन को बढ़त
चुनाव से पहले किया गया एक निर्णायक सर्वेक्षण प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को बढ़त मिलते दिखा रहा है लेकिन साथ ही खंडित जनादेश की संभावना से भी इनकार नहीं कर रहा। इन चुनावों में मुकाबला कांटे का माना जा रहा है और बृहस्पतिवार को मतदान के दिन अंतिम वोट पड़ने हैं। पिछली बार 2017 में हुए चुनाव परिणामों का सटीक अनुमान लगाने वाले मॉडल के अनुसार पूर्व के कुछ सर्वेक्षणों के उलट, इस सर्वेक्षण में कंजर्वेटिव पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने की बात बहुत दावे से नहीं की जा सकती।
मतदान की पूर्व संध्या पर जारी ‘यूगव’ पोल
मतदान की पूर्व संध्या पर जारी ‘यूगव’ पोल में दर्शाया गया है कि कंजर्वेटिव पार्टी 339 सीटों पर, लेबर पार्टी 231, लिबरल डेमोक्रेट्स 15 और स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) 21 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। 650 सदस्यीय हॉउस ऑफ कॉमन्स में बहुमत के जादुई आंकड़े यानि 326 सीट जीतने के लक्ष्य को कंजर्वेटिव्स आसानी से हासिल करते दिख रहे हैं लेकिन इन आंकड़ों में मामूली फेरबदल से त्रिशंकु संसद बनने की स्थिति पैदा हो सकती है। यूगव के राजनीतिक शोध के निदेशक एंथनी वेल्स ने कहा, “मॉडल की मानें तो त्रिशंकु संसद की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।”
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर