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तख्तापलट के बाद प्रधानमंत्री को उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हिरासत में लिया गया : सूडान के जनरल

By भाषा | Updated: October 27, 2021 00:39 IST

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काहिरा, 25 अक्टूबर (एपी) तख्तापलट के एक दिन बाद मंगलवार को सूडान के जनरल ने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही उन्हें हिरासत में लिया गया और जल्द ही प्रधानमंत्री को रिहा कर दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि बर्खास्त की गई सरकार के अन्य सदस्यों को मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।

इस बीच, सूडान की राजधानी में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों ने अस्थायी बैरीकेड खड़े कर और टायर जलाकर आज कुछ सड़कों पर आवाजाही रोक दी। देश में तख्तापलट की घटना के एक दिन बाद प्रदर्शनकारियों ने यह कार्रवाई की। सेना द्वारा किए गए तख्तापलट की अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आलोचना की गई है। प्रधानमंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सोमवार को सेना द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था और उन्हें राजधानी खार्तूम के बाहर एक सैन्य शिविर में रखा गया है।

सूडान में डॉक्टरों की एक समिति के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने सोमवार को प्रदर्शनकारी भीड़ पर गोली चलाई थी जिसमें चार प्रदर्शनकारी मारे गए और कई लोग घायल हुए थे। सैन्य अधिग्रहण ने सूडान में पिछले दो वर्षों से चल रही लोकतांत्रिकरण की प्रक्रिया में खलल पड़ने का खतरा पैदा कर दिया है।

वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने वैश्विक शक्तियों को निर्णायक कदम उठाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ''हाल में हुई तख्तापलट की महामारी से निपटने के लिए इस तरह की एकजुटता की आवश्यकता है।''

इस बीच, तख्तापलट करने के बाद दूसरी बार सामने आए जनरल अब्देल फतह बुरहान ने मंगलवार को कहा कि बढ़ते राजनीतिक संकट को हल करने के लिए सेना को आगे आना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर सेना हस्तक्षेप नहीं करती तो गृह युद्ध के हालात बन सकते थे।

जनरल ने कहा कि प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक को उनके (बुरहान के) घर में हिरासत में रखा गया है और वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि राजनेताओं को आज या कल रिहा कर दिया जाएगा।

पश्चिमी सरकारों ने तख्तापलट की निंदा की और प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक और अन्य अधिकारियों की रिहाई का आह्वान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने सूडान को 70 करोड़ डॉलर की आपातकालीन सहायता बंद करने की घोषणा की। असैन्य शासन की वापसी की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को सामूहिक मार्च का आह्वान किया है।

सूडान में शीर्ष सैन्य अधिकारी जनरल अब्देल-फतह बुरहान ने हमदोक सरकार और देश चलाने के लिए अल-बशीर के निष्कासन के तुरंत बाद बनाई गई संयुक्त सैन्य और नागरिक निकाय संप्रभु परिषद को भंग कर दिया। वह अब एक सैन्य परिषद के प्रमुख हैं, जिसके बारे में उन्होंने कहा था कि वह जुलाई 2023 में चुनाव तक सूडान पर शासन करेंगे।

तख्तापलट हालांकि ऐसे वक्त हुआ है जब बुरहान के संप्रभु परिषद का नेतृत्व एक नागरिक को सौंपने के लिहाज से एक महीने से भी कम वक्त बचा था। ऐसा होता तो सत्ता पर सेना की पकड़ कम हो जाती। यह अफ्रीकी देश भाषायी और सांस्कृतिक लिहाज से अरब राष्ट्रों से जुड़ा हुआ है।

खार्तूम और ओमदुरमन में मंगलवार की सुबह भी कुछ प्रदर्शनकारी सड़कों पर बने रहे, कई सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई और टायर जलाकर उन्हें अवरुद्ध कर दिया गया। सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स के सैनिकों ने रातभर खार्तूम में गश्त की और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने में लगे रहे। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने कहा कि बलों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गोला-बारूद का इस्तेमाल किया।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा पर तत्काल रोक लगाने और इंटरनेट सेवाओं की बहाली का आह्वान किया।

जनरल बुरहान ने आने वाले दिनों में इंटरनेट और संचार सेवाओं की बहाली का आश्वासन दिया। वहीं, सूडान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने मंगलवार को कहा कि वे खार्तूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से आने-जाने वाली सभी उड़ानों को 30 अक्टूबर तक रद्द कर रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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