PM Modi in South Africa: ड्रग–टेरर नेटवर्क पर सख्त वार करो?, जी20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने रखा प्रस्ताव, वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: November 22, 2025 17:30 IST2025-11-22T16:36:24+5:302025-11-22T17:30:33+5:30
PM Modi in South Africa LIVE: हेल्थ इमरजेंसी और प्राकृतिक आपदाओं के समय जब हम मिलकर काम करते हैं तो हम और मज़बूत होते हैं।

PM Modi in South Africa LIVE
जोहानिसबर्गः अफ्रीका में आयोजित पहला जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक पर प्रहार किया। जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने स्वास्थ्य आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए जी20 वैश्चिक स्वास्थ्य देखभाल प्रतिक्रिया दल बनाने का प्रस्ताव रखा है। भारत ने मादक पदार्थ-आतंकवाद गठजोड़ का मुकाबला करने के लिए जी20 में पहल किये जाने का प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में G20 समिट के पहले सेशन में बात की, जिसमें सबको साथ लेकर चलने और सस्टेनेबल ग्रोथ पर फोकस किया गया। अफ्रीका पहली बार G20 समिट होस्ट कर रहा है, इसलिए अब हमारे लिए अपने डेवलपमेंट पैरामीटर्स पर फिर से सोचने और सबको साथ लेकर चलने वाली और सस्टेनेबल ग्रोथ पर फोकस करने का सही समय है। भारत के सिविलाइज़ेशनल वैल्यूज़, खासकर इंटीग्रल ह्यूमैनिज़्म का सिद्धांत आगे बढ़ने का रास्ता दिखाता है।"
PM Modi’s warm greetings and friendly exchanges with world leaders brought a pleasant and lively energy to the G20 Summit in South Africa. 🇮🇳 🇿🇦 pic.twitter.com/8HMzfRTYsM
— BJP (@BJP4India) November 22, 2025
Spoke at the first session of the G20 Summit in Johannesburg, South Africa, which focussed on inclusive and sustainable growth. With Africa hosting the G20 Summit for the first time, NOW is the right moment for us to revisit our development parameters and focus on growth that is… pic.twitter.com/AxHki7WegR— Narendra Modi (@narendramodi) November 22, 2025
भारत ने G20 ग्लोबल हेल्थकेयर रिस्पॉन्स टीम बनाने का प्रस्ताव रखा है। हेल्थ इमरजेंसी और प्राकृतिक आपदाओं के समय जब हम मिलकर काम करते हैं तो हम और मज़बूत होते हैं। हमारी कोशिश साथी G20 देशों से ट्रेंड मेडिकल एक्सपर्ट्स की टीम बनाने की होनी चाहिए जो किसी भी इमरजेंसी में तुरंत तैनात होने के लिए तैयार रहें।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन स्थल पर पहुंचे, जहां दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। शुक्रवार को, मोदी दक्षिण अफ्रीका द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन के लिए जोहानिसबर्ग के बाहरी इलाके में स्थित वाटरक्लूफ वायुसेना अड्डा (एएफबी) पहुंचे।
विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एक समावेशी, न्यायपूर्ण और सतत विश्व के लिए एकजुट होकर प्रयास। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में आयोजित जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जोहानिसबर्ग एक्सपो सेंटर पहुंचे। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वैश्विक विकास मानदंडों पर गहन पुनर्विचार का शनिवार को आह्वान किया और मादक पदार्थ-आतंकवाद गठजोड़ का मुकाबला करने के लिए जी-20 पहल तथा एक वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रतिक्रिया दल बनाने का प्रस्ताव रखा। मोदी ने यहां जी-20 नेताओं की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पर्यावरण-संतुलित, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और सामाजिक रूप से एकजुट जीवन शैली को संरक्षित करने के लिए जी-20 के तहत एक वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार बनाने का प्रस्ताव रखा।
मोदी ने ‘समावेशी और सतत आर्थिक विकास, जिसमें कोई पीछे न छूटे’ विषय पर आयोजित सत्र में कहा, ‘‘अब हमारे लिए अपने विकास मानदंडों पर पुनर्विचार करने और समावेशी एवं सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने का सही समय है। भारत के सभ्यतागत मूल्य, विशेष रूप से ‘एकात्म मानववाद’ का सिद्धांत, आगे बढ़ने का मार्ग प्रदान करता है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी, विशेषकर फेंटानिल जैसे अत्यंत खतरनाक पदार्थों के प्रसार की चुनौती से निपटने के लिए भारत ने मादक पदार्थ-आतंकवाद गठजोड़ का मुकाबला करने के लिए जी-20 पहल का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘आइए मिलकर इस भयावह नशा-आतंक गठजोड़ को कमजोर करें।’’
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैंने सर्वांगीण विकास के हमारे सपने को साकार करने के लिए कुछ कार्ययोजनाएं पेश कीं। उनमें से पहली है जी20 वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार का निर्माण। इस संबंध में भारत का इतिहास समृद्ध है। इससे हमें अपने सामूहिक ज्ञान को बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण के लिए आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’
उन्होंने कहा कि अफ्रीका की प्रगति दुनिया की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है और उन्होंने जी-20-अफ्रीका कौशल विकास पहल का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत हमेशा अफ्रीका के साथ एकजुटता से खड़ा रहा है। मुझे इस बात पर गर्व है कि भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान ही अफ्रीकी संघ जी-20 का स्थायी सदस्य बना।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हमारा सामूहिक लक्ष्य अगले दशक के भीतर अफ्रीका में 10 लाख प्रमाणित प्रशिक्षक तैयार करना होना चाहिए।’’ उन्होंने जी-20 वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रतिक्रिया दल बनाने का भी प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं का सामना करते समय जब हम मिलकर काम करते हैं, तो हम और भी मजबूत होते हैं। हमारा प्रयास साथी जी20 देशों से प्रशिक्षित चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम तैयार करना होना चाहिए, जो किसी भी आपात स्थिति में तुरंत तैनाती के लिए तैयार रहें।’’
दुनिया के सबसे गरीब देशों को प्रभावित करने वाली लंबे समय से जारी कुछ समस्याओं के समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के महत्वाकांक्षी एजेंडा के साथ शनिवार को शुरू हुआ। दुनिया की सबसे समृद्ध एवं प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के नेता और शीर्ष सरकारी अधिकारी दक्षिण अफ्रीका के प्रसिद्ध सोवेटो कस्बे के पास स्थित एक प्रदर्शनी केंद्र में एकत्र हुए।
ताकि वे मेजबान देश द्वारा निर्धारित प्राथमिकताओं को लेकर किसी सहमति पर पहुंचने की कोशिश कर सकें। इन प्राथमिकताओं में बढ़ती वैश्विक असमानता को कम करने के उपायों के तहत जलवायु-संबंधी आपदाओं से उबरने के लिए गरीब देशों को अधिक सहायता देना, उनके विदेशी ऋण बोझ को कम करना, हरित ऊर्जा स्रोतों को अपनाना और अपने महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों का उपयोग करना शामिल है।
PM Narendra Modi tweets, "Spoke at the first session of the G20 Summit in Johannesburg, South Africa, which focussed on inclusive and sustainable growth. With Africa hosting the G20 Summit for the first time, NOW is the right moment for us to revisit our development parameters… pic.twitter.com/tu7zOAR0p8
— ANI (@ANI) November 22, 2025
समूह के लिए दक्षिण अफ्रीका की कई प्राथमिकताओं, विशेषकर जलवायु परिवर्तन एवं विकासशील देशों पर इसके प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करने को अमेरिका से प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है। अमेरिका ने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से जब पूछा गया कि क्या जी20 विकासशील देशों को तरजीह दे पाएगा और कोई ठोस सुधार करेगा,
#WATCH | Johannesburg, South Africa | Prime Minister Narendra Modi attends the G-20 Summit
— ANI (@ANI) November 22, 2025
(Source: Reuters/Host Broadcaster Pool) pic.twitter.com/NtDmjfl0cF
तो उन्होंने कहा, ‘‘ देखते हैं कि क्या होता है... लेकिन मुझे लगता है कि दक्षिण अफ्रीका ने इन बातों को स्पष्ट रूप से सामने रखकर अपना काम कर दिया है।’’ इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका भाग नहीं ले रही। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा करते हुए शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया है कि दक्षिण अफ्रीका नस्लवादी ‘श्वेत रोधी’ नीतियां अपना रहा है और अपने यहां के श्वेत अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न कर रहा है। जी20 वास्तव में 21 सदस्यों का समूह है, जिसमें 19 देश, यूरोपीय संघ और अफ्रीकी संघ शामिल हैं।
Johannesburg, South Africa | At the G20 Summit hosted in Africa, PM Narendra Modi called for a profound rethinking of global development parameters. Addressing the session on ‘Inclusive and sustainable economic growth leaving no one behind’, PM Modi noted that while the G20 has… pic.twitter.com/FaP1SPOECR
— ANI (@ANI) November 22, 2025
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में हो रहे जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे और उन्होंने कहा कि वह प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर विश्व नेताओं के साथ ‘सार्थक चर्चा’ की उम्मीद करते हैं। यह अफ्रीका में आयोजित होने वाला पहला जी20 शिखर सम्मेलन है और 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ जी20 का सदस्य बना था।
दक्षिण अफ्रीका ने कहा कि अमेरिका उस पर दबाव डाल रहा है कि वह अमेरिका की अनुपस्थिति में नेताओं का कोई घोषणापत्र जारी न करे तथा इसके स्थान पर मेजबान देश की ओर से एकतरफा बयान के रूप में अंतिम दस्तावेज जारी करे। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘हम किसी दबाव में नहीं आएंगे।’’
उन्होंने रविवार को शिखर सम्मेलन के समापन पर उपस्थित सभी सदस्यों से एक घोषणापत्र जारी करने का वादा किया। दक्षिण अफ्रीका के बाद समूह की अध्यक्षता अमेरिका को सौंपी जानी है। अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन में अमेरिका की एकमात्र भूमिका तब होगी जब दक्षिण अफ्रीका स्थित अमेरिकी दूतावास का कोई प्रतिनिधि सम्मेलन के अंत में जी20 की अध्यक्षता स्वीकार करने के लिए औपचारिक हस्तांतरण समारोह में शामिल होगा।
दक्षिण अफ्रीका ने कहा कि किसी ‘‘कनिष्ठ राजनयिक अधिकारी’’ को अध्यक्षता की जिम्मेदारी सौंपना रामाफोसा के लिए अपमान की बात है। दक्षिण अफ्रीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्रिसपिन फिरी ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, ‘‘हमने अमेरिका सरकार को सूचित कर दिया है कि राष्ट्रपति दूतावास के किसी कनिष्ठ अधिकारी को यह जिम्मेदारी हस्तांतरित नहीं करेंगे।’’