प्लाज्मा थेरेपी अब भी एक 'प्रायौगिक' थेरेपी, WHO ने कहा-यह अभी 'अनिर्णायक' 

By भाषा | Published: August 24, 2020 08:00 PM2020-08-24T20:00:35+5:302020-08-24T20:00:35+5:30

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि पिछली सदी में विभिन्न संक्रामक बीमारियों के इलाज के लिये बीमारी से उबरे लोगों के प्लाज्मा का इस्तेमाल किया गया था और इसका परिणाम मिला जुला रहा था।

Plasma therapy is still a 'experimental' therapy, WHO said - it's still 'inconclusive' | प्लाज्मा थेरेपी अब भी एक 'प्रायौगिक' थेरेपी, WHO ने कहा-यह अभी 'अनिर्णायक' 

छोटे स्तर पर अध्ययन हुए हैं और इनसे निम्न कोटि के साक्ष्य मिले हैं।

Highlightsविश्व स्वास्थ्य संगठन प्लाज्मा थेरेपी को अब भी प्रायोगिक ही मानता है और इसका लगातार मूल्यांकन किया जाना चाहिये। लोगों में अलग अलग स्तर का एंटीबॉडी बनता है और प्लाज्मा केवल उन्हीं लोगों से लेना होता है जो बीमारी से ठीक हो चुके हैं। प्लाज्मा थेरेपी के अनेक दुष्प्रभाव हो सकते हैं जिनमें हल्का बुखार और सर्दी से लेकर फेफड़ा संबंधी गंभीर बीमारी शामिल है।

जिनेवाः विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के इलाज के लिये रोगमुक्त हो गए लोगों के प्लाज्मा का इस्तेमाल अब भी एक 'प्रायौगिक' थेरेपी के तौर पर देखा जा रहा है और इसके जो प्रारंभिक परिणाम आये हैं उससे यह पता चलता है कि यह अभी 'अनिर्णायक' है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि पिछली सदी में विभिन्न संक्रामक बीमारियों के इलाज के लिये बीमारी से उबरे लोगों के प्लाज्मा का इस्तेमाल किया गया था और इसका परिणाम मिला जुला रहा था।

स्वामीनाथन ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन प्लाज्मा थेरेपी को अब भी प्रायोगिक ही मानता है और इसका लगातार मूल्यांकन किया जाना चाहिये। सौम्या ने कहा कि इस उपचार को मानकीकृत करना कठिन है क्योंकि लोगों में अलग अलग स्तर का एंटीबॉडी बनता है और प्लाज्मा केवल उन्हीं लोगों से लेना होता है जो बीमारी से ठीक हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि छोटे स्तर पर अध्ययन हुए हैं और इनसे निम्न कोटि के साक्ष्य मिले हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक के वरिष्ठ सलाहकार डॉ ब्रूस एलवार्ड ने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी के अनेक दुष्प्रभाव हो सकते हैं जिनमें हल्का बुखार और सर्दी से लेकर फेफड़ा संबंधी गंभीर बीमारी शामिल है।

जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस संक्रमण के 428 नए मामले

जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस संक्रमण के 428 नए मामले सामने आने के बाद सोमवार को संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 33,000 के पार पहुंच गए । केन्द्र शासित प्रदेश में कोविड-19 से सात और मरीजों की मौत हो गई जिसके बाद मृतकों की संख्या 624 पर पहुंच गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में 274 नए मामले सामने आए और जम्मू क्षेत्र में 154 मामले सामने आए। उन्होंने कहा कि अब तक जम्मू कश्मीर में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 33,075 मामले सामने आ चुके हैं। अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर जिले में 78 और जम्मू में 65 नए मामले सामने आए। जम्मू कश्मीर में अब तक कोविड-19 के 25,205 मरीज ठीक हो चुके हैं और वर्तमान में 7,246 मरीजों का इलाज चल रहा है।

Web Title: Plasma therapy is still a 'experimental' therapy, WHO said - it's still 'inconclusive'

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