आर्मीनिया में रविवार को संसदीय चुनाव, नागोर्नो-काराबाख में हार का दिखेगा असर

By भाषा | Updated: June 19, 2021 20:05 IST2021-06-19T20:05:41+5:302021-06-19T20:05:41+5:30

Parliamentary elections in Armenia on Sunday, the effect of defeat in Nagorno-Karabakh will be visible | आर्मीनिया में रविवार को संसदीय चुनाव, नागोर्नो-काराबाख में हार का दिखेगा असर

आर्मीनिया में रविवार को संसदीय चुनाव, नागोर्नो-काराबाख में हार का दिखेगा असर

येरेवान (आर्मीनिया), 19 जून (एपी) पिछले साल नागोर्नो-काराबाख के क्षेत्र को लेकर आजरबैजान के साथ जंग में आर्मीनिया की शर्मनाक हार के बाद आर्मीनिया के सत्तारूढ़ दल के नेता चुनाव में कड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने नवंबर में शांति समझौते के बाद जनता के रोष को शांत करने के लिए समय से पहले ही रविवार को चुनाव कराने का आह्वान किया। पिछले कई महीने से प्रदर्शनकारी पशिनयान के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। रुस की मध्यस्थता से हुए समझौते से आर्मीनिया और आजरबैजान की सेना के बीच छह सप्ताह से चल रही जंग खत्म हो गयी लेकिन आजरबैजान ने नागोर्नो-काराबाख के बड़े हिस्से और आसपास के इलाके पर अपना नियंत्रण बना लिया जहां पिछले कई वर्षों से आर्मीनिया की सेना का कब्जा था।

इस समझौते के बाद आजरबैजान की राजधानी बाकू में लोगों ने जीत का जश्न मनाया जबकि येरेवान में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर गए और राष्ट्रीय हितों के साथ धोखा होने का आरोप लगाया। येरेवान में ‘रिजनल स्टडीज सेंटर’ के निदेशक रिचर्ड गिरागोसेन ने कहा, ‘‘नागोर्नो-काराबाख के युद्ध में अप्रत्याशित हार के मद्देनजर यह चुनाव जनमत संग्रह की तरह है। तुर्की सेना के सहयोग से आजरबैजान द्वारा हमले ने आर्मीनिया में राजनीतिक परिदृश्य को नए सिरे से परिभाषित किया है।’’

निकोल पशिनयान (46) देश में बड़े विरोध प्रदर्शन के बाद 2018 में सत्ता में आए थे। उन्होंने समझौते का बचाव करते हुए कहा था कि आजरबैजान को रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी था नहीं तो नागोर्नो-काराबाख के संपूर्ण क्षेत्र पर उसका नियंत्रण हो जाता। समय से पहले चुनाव के लिए वह प्रधानमंत्री पद से हट गए और वर्तमान में कार्यवाहक प्रधानमंत्री हैं। रविवार को होने वाले चुनाव के लिए 2,000 से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए हैं और करीब 26 लाख योग्य मतदाता हैं। चुनाव में 21 राजनीतिक दल और चार गठबंधन हैं लेकिन मुख्य मुकाबला दो राजनीतिक शक्तियों-पशिनयान के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सिविक कॉन्ट्रैक्ट पार्टी और पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट कोचरयान के आर्मीनिया अलायंस के बीच है। मीडिया की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पशिनयान की पार्टी और कोचरयान के गठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला होने की संभावना है। सरकार बनाने के लिए संसद की 54 प्रतिशत सीटों पर जीत जरूरी है। कोचरयान 1998 से 2008 के बीच राष्ट्रपति थे।

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Web Title: Parliamentary elections in Armenia on Sunday, the effect of defeat in Nagorno-Karabakh will be visible

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