पंजशीर में तालिबान के करीब 600 लड़ाके ढेर, 1000 ने टेके घुटने, खूनी लड़ाई तेज, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 5, 2021 11:44 AM2021-09-05T11:44:49+5:302021-09-05T11:46:25+5:30
रेजिस्टेंस फोर्सेस के प्रवक्ता फहीम दास्ती ने ट्विटर पर कहा, "पंजशीर के विभिन्न जिलों में लगभग 600 तालिबान का सफाया कर दिया गया है। 1,000 से अधिक तालिबानियों को पकड़ लिया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है।"
काबुलः अफगानिस्तान के पूर्वोत्तर प्रांत पंजशीर में लगभग 600 तालिबान मारे गए हैं। अफगान रेजिस्टेंस फोर्सेस ने दावा किया है।
रेजिस्टेंस फोर्सेस के प्रवक्ता फहीम दास्ती ने ट्विटर पर कहा, "पंजशीर के विभिन्न जिलों में लगभग 600 तालिबान का सफाया कर दिया गया है। 1,000 से अधिक तालिबानियों को पकड़ लिया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है।" इस बीच, क्षेत्र में बारूदी सुरंगों की मौजूदगी के कारण पंजशीर प्रतिरोध बलों के खिलाफ तालिबान का आक्रमण धीमा हो गया है।
अल जज़ीरा ने बताया कि तालिबान के एक सूत्र ने कहा कि पंजशीर में लड़ाई जारी है, लेकिन राजधानी बाजारक और प्रांतीय गवर्नर के परिसर की ओर जाने वाली बारूदी सुरंगों की वजह से आगे बढ़ना धीमा हो गया था। स्पुतनिक ने अफगान रेसिस्टेंस बलों के हवाले से यह बात कही।
⚡ Panjshir Valley 📍
— Northern Alliance 🇭🇺 (@NA2NRF) August 31, 2021
We will welcome you warmly 🔥#AhmadMassoud#Resistance2pic.twitter.com/rtLDkwfou9
🛡️Commander Hasib Panjshiri: "I am standing at the entry gate of #PanjshirValley. Until Taliban has not pass over my dead body, they can't take Panjshir, do not doubt this. Now I am talking to you, it means that I am alive and Panjshir is standing on its feet."#AhmadMassoud#NRFpic.twitter.com/6RvUS0CNfG
— Northern Alliance 🇭🇺 (@NA2NRF) September 3, 2021
तालिबान ने काबुल में महिलाओं के प्रदर्शन को रोका
तालिबान के विशेष बलों ने हवा में गोलीबारी की जिससे नये शासकों से समान अधिकारों की मांग कर रहीं अफगान महिलाओं द्वारा राजधानी में निकाला जा रहा विरोध मार्च अचानक से रोक दिया गया। तालिबान लड़ाकों ने पिछले महीने अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्से पर कब्जा कर लिया था और उन्होंने 20 साल तक संघर्ष के बाद अमेरिकी बलों की यहां से पूरी तरह वापसी का जश्न मनाया। काबुल में पिछले कुछ दिन में दूसरी बार महिलाओं के मार्च की शांतिपूर्ण तरीके से शुरुआत हुई थी।
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति पैलेस की ओर मार्च करने से पहले अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के बाहर उन अफगान जवानों को श्रद्धांजलि दी जो तालिबान से लड़ते हुए मारे गये। प्रदर्शनकारी मरियम नैबी ने कहा, ‘‘हम यहां अफगानिस्तान में मानवाधिकार हासिल करने आये हैं। मैं अपने वतन से मुहब्बत करती हूं। मैं हमेशा यहीं रहूंगी।’’
जैसे ही प्रदर्शनकारी महिलाएं राष्ट्रपति पैलेस तक पहुंचीं, एक दर्जन तालिबान लड़ाके भीड़ में घुस आए और हवा में गोलीबारी करने लगे जिससे महिलाओं में अफरा-तफरी मच गयी। कबीरी नाम की महिला ने बताया कि तालिबान लड़ाकों ने आंसूगैस के गोले भी छोड़े।
तालिबान ने 1996 से 2001 तक अपने पिछले शासन की तुलना में इस बार अधिक नरम इस्लामी शासन और समावेशी सरकार का वादा किया है। लेकिन अधिकतर अफगानों, खासकर महिलाओं को इस बात का संशय और आशंका है कि पिछले दो दशक में उन्हें जो हक मिले हैं, वे खत्म हो जाएंगे।