FATF ने पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में रखा बरकरार, आतंक पर लगाओ लगाम, 13 देशों के समर्थन की दरकार थी, जो नहीं मिला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 21, 2020 04:19 PM2020-02-21T16:19:07+5:302020-02-21T17:00:38+5:30
वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाले निकाय एफएटीएफ के एक उप-समूह ने मंगलवार को सिफारिश की थी कि आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू पाने में नाकामी के कारण पाकिस्तान को संदिग्ध सूची (ग्रे लिस्ट) में ही रखा जाए।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में बरकरार रखने का फैसला किया है। पाकिस्तान को आतंक के वित्त पोषण पर एफएटीएफ से कड़ी चेतावनी मिली और इस पर पूर्ण लगाम लगाने को कहा गया।
वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण निगरानी संस्था एफएटीएफ ने शुक्रवार को पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखे रहने का फैसला किया और उसे चेतावनी दी कि अगर वह लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को धन देना बंद नहीं करता तो उसके कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
पेरिस में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के चल रहे पूर्ण सत्र में यह फैसला किया गया। एक सूत्र ने बताया कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में ही रखने का फैसला किया। उसने कहा कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को यह चेतावनी भी दी कि अगर वह जून महीने तक पूरी कार्य योजना नहीं बनाता तो उसके कामकाज पर असर पड़ सकता है।
वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाले निकाय एफएटीएफ के एक उप-समूह ने मंगलवार को सिफारिश की थी कि आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू पाने में नाकामी के कारण पाकिस्तान को संदिग्ध सूची (ग्रे लिस्ट) में ही रखा जाए।
यह निर्णय एफएटीएफ के अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आईसीआरजी) की बैठक में लिया गया। यह बैठक पेरिस में पूर्ण सत्र के दौरान हुयी। एक सूत्र ने कहा, "एफएटीएफ के उप-समूह आईसीआरजी की बैठक ने पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में ही बनाए रखने की सिफारिश की है।
आतंकवाद के पनाहगार पाकिस्तान की तमाम पैंतरेबाजी एक बार फिर विफल साबित हुई है। वैश्विक आतंकवाद वित्तपोषण पर नजर रखने वाले निकाय फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर काबू पाने में नाकामी के कारण पाकिस्तान को अगले चार महीने तक संदिग्ध सूची (ग्रे लिस्ट) में ही रखने का फैसला किया है। चीन, मलयेशिया और तुर्की की मदद से पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट होने से तो बच गया, लेकिन उसे ग्रे लिस्ट से बचने के लिए 13 देशों के समर्थन की दरकार थी, जो उसे नहीं मिला।
एफएटीएफ ने साथ ही पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वह आतंकवाद समेत 25 सूत्री ऐक्शन प्लान को पूरा नहीं करता है तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा। यह निर्णय एफएटीएफ के अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आईसीआरजी) की बैठक में लिया गया। यह बैठक पेरिस में पूर्ण सत्र के दौरान हुई।
बैठक में राजनायिक और एफएटीएफ के सदस्यों ने इस बात पर ध्यान देने को कहा है कि किस तरह पाकिस्तान एफएटीएफ की तकनीकी प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। राजनयिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान आगामी जून तक 'संदिग्ध सूची' में बना रहेगा। एफएटीएफ ने अपने सदस्यों से पाकिस्तान के के तमाम कारोबारी रिश्ते और वित्तीय लेन-देन पर नजर रखने को भी कहा है।
पाकिस्तान की इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने अपनी जनता से वादा किया था कि वह फरवरी में एफएटीएफ की 'संदिग्ध सूची' से बाहर निकल जाएगा। पाकिस्तान ने 'ग्रे लिस्ट' से बचने के लिए पूरा तिकड़म लगाया और कई देशों ने उसके समर्थन में बोला भी। लेकिन तकनीकी ग्राउंड और सबूतों ने उसे बेदम कर दिया और एफएटीएफ ने पाया कि पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं रखा जा सकता है।
Pakistan to stay on FATF's grey list till June 2020
— ANI Digital (@ani_digital) February 21, 2020
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इस संबंध में अंतिम फैसला शुक्रवार को किया जाएगा जब एफएटीएफ पाकिस्तान से जुड़े मुद्दों पर गौर करेगा।’’ एफएटीएफ की बैठक पाकिस्तान में आतंकवाद-निरोधी एक अदालत द्वारा 2008 के मुंबई हमले के सरगना और लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद को आतंकी वित्तपोषण के दो मामलों में 11 साल की सजा सुनाए जाने के एक सप्ताह बाद हो रही है। जाहिरा तौर पर पाकिस्तानी अदालत का फैसला एफएटीएफ और पश्चिमी देशों को खुश करने के लिए है ताकि देश 'ग्रे लिस्ट' से बाहर निकल सके।
भारत कहता रहा है कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी समूहों को नियमित समर्थन देता है और उसका प्रमुख निशाना भारत है। भारत ने एफएटीएफ से पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
पाकिस्तान ने हाल ही में एफएटीएफ को सूचित किया था कि जैश का संस्थापक मसूद अजहर और उसका परिवार "लापता" है। उसने दावा किया है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों में से सिर्फ 16 पाकिस्तान में थे और उनमें सात मर चुके हैं। पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने और व्हाइट लिस्ट में शामिल होने के लिए 39 में से 12 वोट चाहिए। ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए उसे तीन देशों के समर्थन की जरूरत है। पिछले महीने बीजिंग में एफएटीएफ की हुयी बैठक में पाकिस्तान को निकाय के मौजूदा अध्यक्ष चीन के अलावा मलेशिया और तुर्की का समर्थन मिला।