पाकिस्तान को 1971 में हुए नरसंहार के लिए बांग्लादेश से माफी मांगनी चाहिए : पूर्व पाक राजनयिक

By भाषा | Updated: March 31, 2021 20:44 IST2021-03-31T20:44:24+5:302021-03-31T20:44:24+5:30

Pakistan should apologize to Bangladesh for 1971 massacre: former Pak diplomat | पाकिस्तान को 1971 में हुए नरसंहार के लिए बांग्लादेश से माफी मांगनी चाहिए : पूर्व पाक राजनयिक

पाकिस्तान को 1971 में हुए नरसंहार के लिए बांग्लादेश से माफी मांगनी चाहिए : पूर्व पाक राजनयिक

अनीसुर रहमान

ढाका, 31 मार्च पाकिस्तान के एक पूर्व राजनयिक ने कहा कि 1971 में देश की सेना द्वारा किए गए ‘‘नरसंहार’’ के लिए इस्लामाबाद को बांग्लादेश के लोगों से ‘‘औपचारिक माफी’’ मांगनी चाहिए।

भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद 1947 में पूर्वी पाकिस्तान कहलाने वाला बांग्लादेश 1971 में आजाद होकर सम्प्रभु देश बना। इसमें देश के स्वतंत्रता सेनानियों और भारत की सेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ युद्ध जीता।

आधिकारिक रूप से बांग्लादेश का मुक्ति संग्राम नौ महीने चला जिसमें करीब 30 लाख लोग मारे गए और हजारों महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया।

‘द डेली स्टार’ अखबार में बुधवार को प्रकाशित खबर के अनुसार, अमेरिका में 2008 से 2011 तक पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने कहा, ‘‘शेख मुजीब (बंगबंधु शेख मुजीब उर रहमान) को जेल में डालना और बंगालियों की हत्या करने जैसी सैन्य कार्रवाई हुई। आज तक कोई माफी नहीं मांगी गई.... माफी मांगना सबसे जरूरी है।’’

सोमवार को ‘बंगबंधु शेख मुजीब उर रहमान : मुक्ति संग्राम के आदर्श नेता’ विषय पर संपन्न वर्चुअल चर्चा में हक्कानी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के लोगों को अपनी सरकार से कहना चाहिए कि वह 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए सभी अत्याचारों के लिए बांग्लादेश की जनता से माफी मांगे।’’

कार्यक्रम का आयोजन बेल्जियम और लक्ज़मबर्ग में बांग्लादेश के दूतावास और ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के मिशन द्वारा किया गया था।

सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संगबद संस्था (बीएसएस) के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्याति प्राप्त पाकिस्तानी विद्वान हक्कानी अब अमेरिका में रहते हैं।

हक्कानी ने यह रेखांकित किया कि तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश), पाकिस्तान की सत्ता पर काबिज लोगों के लिए ‘सोने का अंडा देने वाली मुर्गी’ की तरह था क्योंकि ज्यादातर विदेश मुद्रा वहीं से आती थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सामंती शासकों ने बंगालियों को कभी अपने बराबर का नहीं माना।

हक्कानी ने कहा कि पाकिस्तान के अमीर लोग 1970 के आम चुनावों में बंगबंधु की पार्टी आवामी लीग की जीत के बावजूद पूर्वी पाकिस्तान की सत्ता निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सौंपने को तैयार नहीं थे।

समाचार एजेंसी के अनुसार, हक्कानी ने कहा कि बंगबंधु भी महात्मा गांधी, नेल्सन मंडेला जैसे महान नेताओं की श्रेणी में आते हैं।

बांग्लदेश के विदेश मंत्री डॉक्टर ए. के. अब्दुल मोमेन भी वर्चुअल तरीके से इस चर्चा में शामिल हुए।

मोमेन ने कहा कि आशा थी कि 1971 में सेना द्वारा किए गए नरसंहार को लेकर पाकिस्तान इस साल बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ पर औपचारिक रूप से माफी मांगेगा।

उन्होंने कहा कि हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस अवसर पर अंतिम समय में एक संदेश भेजा, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने 1971 में बांग्लादेश में निहत्थे बंगालियों का, पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए नरसंहार के लिए माफी नहीं मांगी।

बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री शेख हसीना को भेजे गए अपने पत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था, ‘‘हम बांग्लदेश के साथ भाईयों जैसे अपने संबंध को और मजबूत करना चाहेंगे तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए नए संबंध भी बनाना चाहेंगे क्योंकि हमारा मानना है कि दोनों की किस्मत आपस में जुड़ी हुई है।’’

खान ने अपने पत्र में मुक्ति संग्राम या पाकिस्तानी सेना के अत्याचार का कोई जिक्र नहीं किया।

बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ 26 मार्च को मनाई गई।

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Web Title: Pakistan should apologize to Bangladesh for 1971 massacre: former Pak diplomat

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