पाकिस्तानः अक्टूबर में आम चुनाव होने की संभावना, पीएम शरीफ ने कहा-गरीबों और मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए बड़े कदम उठाए जाएं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 6, 2023 04:26 PM2023-06-06T16:26:59+5:302023-06-06T16:37:27+5:30
समाज के गरीब तथा मध्यम वर्ग को राहत देने के उपायों को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए शरीफ ने कहा, ‘‘ आर्थिक चुनौतियों के बावजूद समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए जाने चाहिए।’’

संसाधनों का सर्वोत्तम संभव तरीके से उपयोग कर जनता को अधिकतम राहत दी जानी चाहिए।
इस्लामाबादः आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आम चुनाव से पहले बजट को लोगों के अनुकूल बनाने के प्रयास में गरीबों और मध्यम वर्ग के कल्याण के लिए बड़े कदम उठाए जाएं। पाकिस्तान में अक्टूबर में आम चुनाव होने की संभावना है।
समाज के गरीब तथा मध्यम वर्ग को राहत देने के उपायों को अंतिम रूप देने के लिए सोमवार को आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए शरीफ ने कहा, ‘‘ आर्थिक चुनौतियों के बावजूद समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए जाने चाहिए।’’ पाकिस्तान वर्तमान में एक बड़े राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
देश के सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, अप्रैल में पाकिस्तान की मुद्रास्फीति बढ़कर रिकॉर्ड 36.4 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जो मार्च में 35.4 प्रतिशत से अधिक थी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, शरीफ ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों का सर्वोत्तम संभव तरीके से उपयोग कर जनता को अधिकतम राहत दी जानी चाहिए।
उन्होंने आदेश दिया कि किसानों को सीधे सब्सिडी देने के लिए व्यापक योजना बनाई जाए। नौ जून को संसद में बजट 2023-24 पेश किए जाने की उम्मीद है और सरकार अक्टूबर में होने वाले आम चुनाव से पहले इसे लोगों के अनुकूल बनाने की कोशिश कर रही है।
पाकिस्तान सरकार का कर्ज 34 प्रतिशत बढ़कर 58.6 लाख करोड़ रुपये हुआ
पाकिस्तान सरकार का कर्ज सालाना आधार पर 34.1 प्रतिशत वृद्धि के साथ अप्रैल अंत में 58.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है। देश के केंद्रीय बैंक की हाल ही में जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। समाचार पत्र डॉन में मंगलवार को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, कर्ज में मासिक आधार पर 2.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
खबर के अनुसार, अप्रैल के अंत में घरेलू कर्ज 36.5 लाख करोड़ रुपये (62.3 प्रतिशत) है जबकि बाहरी कर्ज 22 लाख करोड़ रुपये (37.6 प्रतिशत) है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर बाहरी कर्ज में वृद्धि 49.1 प्रतिशत रही। बाहरी कर्ज में एक महीने पहले भी यही आंकड़ा था।
घरेलू कर्ज में सबसे बड़ी हिस्सेदारी संघीय सरकार के शेयरों की है, जो लगभग 25 लाख करोड़ रुपये के ऋण हैं। घरेलू कर्ज में अन्य बड़े हिस्सेदार लघु-अवधि ऋण (7.2 लाख करोड़ रुपये) और अनिधिक ऋण (2.9 लाख करोड़ रुपये) हैं, जिसमें राष्ट्रीय बचत योजनाओं से उधार ली गई राशि भी शामिल है।
संघीय सरकार के शेयरों का कोष पिछले वर्ष से 31.6 प्रतिशत बढ़ गया जबकि लघु-अवधि वाले ऋण की हिस्सेदारी में वृद्धि 29.4 प्रतिशत ही रही। पाकिस्तान लंबे समय से भुगतान संकट से जूझ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार में सिर्फ एक महीने के आयात का भुगतान करने लायक राशि है। वहीं दूसरी तरफ, रिकॉर्ड-उच्च मुद्रास्फीति के बीच ब्याज दर एक अभूतपूर्व स्तर तक चढ़ गई है।
यह देखते हुए घरेलू ऋण चुकाना देश के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। भारी राजनीतिक और आर्थिक संकट का सामना कर रहा पाकिस्तान भारी बाहरी कर्ज, कमजोर स्थानीय मुद्रा और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है। देश के आंकड़ा ब्यूरो के अनुसार, मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में वृद्धि के साथ मुद्रास्फीति स्तर अप्रैल में एक वर्ष में 36.4 प्रतिशत बढ़ गया। यह दक्षिण एशिया में सर्वाधिक है।