पाकिस्तान: आईएमएफ ने भयंकर बाढ़ से राहत देने के लिए मंजूर किया 1.17 बिलियन डॉलर का कर्ज
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 30, 2022 01:41 PM2022-08-30T13:41:07+5:302022-08-30T13:45:20+5:30
आईएमएफ ने पाकिस्तान में आयी भयंकर बाढ़ के कारण बुरी तरह से प्रभावित आम जनजीवन की गंभीर स्थिति का आंकलन करते हुए पाकिस्तान को 1.17 बिलियन डॉलर का कर्ज देने का ऐलान किया है।
इस्लामाबाद: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) बाढ़ के कारण तबाही के कगार पर खड़े पाकिस्तान को 1.17 बिलियन डॉलर का कर्ज देने के लिए राजी हो गया है। आईएमएफ ने पाकिस्तान में आयी भयंकर बाढ़ के कारण हजारों की संख्या में मारे गये लोगों और बुरी तरह से प्रभावित आम जनजीवन की गंभीर स्थिति का आंकलन करते हुए इस कर्ज को जारी करने का ऐलान किया है।
बताया जा रहा है कि आईएमएफ द्वारा जारी की गई धनराशि मूल रूप से साल 2019 को मंजूर किये गये उस कर्ज का हिस्सा है, जिसे आईएमएफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार द्वारा ऊर्जा सब्सिडी में कटौती के लिए आईएमएफ की ओर से जारी किये सुझावों को नहीं मानने के बाद रोक दिया गया।
आईएमएफ के ताजा फैसले की जानकारी देते हुए पाकिस्तान के वित्तमंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने कहा, "हम स्वागत करते हैं कि आईएमएफ बोर्ड ने हमारे ईएफएफ कार्यक्रम के रिवाइवल को मंजूरी दे दी है।" इस्माइल ने आगे कहा, "आईएमएफ ने हमारे ईएफएफ कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए $ 1 बिलियन डॉलर अतिरिक्त तक बढ़ाने की भी सहमति प्रदान की है।"
आईएमएफ ने बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान को 1.17 बिलियन डॉलर के कर्ज की मंजूर उस वक्त दी है, जब संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को पाकिस्तान की आपातकालीन सहायता के लिए 160 मिलियन डॉलर देने की अपील की थी। बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में बात करते हुए देश के योजना मंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि हजारों से ज्यादा लोगों की मौत औप लाखों लोगों के विस्थापन से देश की हालत बहुत खराब है। बाढ़ से निपटने और पुनर्निर्माण में में कम से कम 10 अरब डॉलर की लागत आने का अनुमान है।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मौजूदा सरकार ने आईएमएफ से कर्ज हासिल बीते महीनों में तीन बार ईंधन की कीमतों में 50 फीसदी से ज्यादा का इजाफा किया, जिसके बाद पूरे मुल्क में उनकी बेहद आलोचना हो रही है। शरीफ सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में भी पूर्ववर्ती इमरान खान की सरकार द्वारा दी गई सब्सिडी को प्रभावी ढंग से खत्म किया है, जिसके कारण पूरे मुल्क में बिजली की लागत भी बढ़ गई है।
हालांकि, शहबाज सरकार द्वारा सब्सिडी में की गई भारी कटोती के बारे में आईएमएफ ने खुलकर कुछ नहीं कहा और न ही कर्ज जारी करने का ऐलान करते समय बाढ़ की स्थिति का उल्लेख किया लेकिन आईएमएफ ने शरीफ द्वारा नए खर्च में किये गये कटौती का स्वागत किया है।
आईएमएफ के उप प्रबंध निदेशक एंटोनेट सईह ने कहा, "यूक्रेन-रूस युद्ध और घरेलू आर्थिक चुनौतियों के कारण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। पाकिस्तान को मजबूत आर्थिक स्थिरता हासिल करने और आर्थिक असंतुलन को दूर करते हुए समावेशी विकास को बढ़ाने के लिए सुधारात्मक नीतियों को और तेजी देने की आवश्यकता है।"