पाकिस्तान ने ईरान के हमले पर उठाया बड़ा कदम, राजदूत को वतन वापसी का भेजा आदेश
By आकाश चौरसिया | Published: January 17, 2024 05:42 PM2024-01-17T17:42:11+5:302024-01-17T18:04:46+5:30
ईरान द्वारा जैश अल अदल आतंकी संगठन पर किए गए हमले के बाद पाकिस्तान ने कड़ा फैसला लेते हुए ईरान के राजदूत को वतन वापसी लौटने का आदेश सुना दिया है। इस बात की जानकारी खुद विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने दी है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने ईरान की राजदूत को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कार्रवाई ऐसे वक्त हुई है जब ईरान ने पाक में स्थित आतंकी संगठन पर हमला किया था। इस बात की जानकारी जियो न्यूज़ ने दी है।
इस्लामाबाद में विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा, "पाकिस्तान ने भी यह निर्णय किया है कि वो अपने राजदूत को ईरान से वापस बुलाने जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो ईरान की राजदूत अपने देश गई हैं, अब उन्हें पाकिस्तान लौटने की जरुरत नहीं है।"
अल अरबिया न्यूज़ की मानें तो ईरान ने आतंकी संगठन के ठिकाने पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया था। क्योंकि तेहरान को भी इस संगठन ने कहीं न कहीं नुकसान पहुंचाया था।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह पाकिस्तान की अखंडता और प्रभुता पर हमला है, जो अस्वीकार्य है। इसी आधार पर पाकिस्तान ने ईरान को आज ही गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी। इसके साथ ही ये भी कहा गया कि ईरान को सीधे कार्रवाई करने से पहले बातचीत के रास्ते को चुनना चाहिए था।
पाकिस्तान के पास इस गैरकानूनी कृत्य पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित है और इसके परिणामों की जिम्मेदारी पूरी तरह से ईरान की होगी। इस बात की जानकारी विदेश विभाग की प्रवक्ता ने दी।
Pakistan expels Tehran ambassador in response to Iranian airstrike on terrorist camps
— ANI Digital (@ani_digital) January 17, 2024
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ईरान के द्वारा ही जैश-अल-अदल की स्थापना साल 2012 में हुई थी। यह एक सुन्नी आतंकी संगठन है, जो ईरान के दक्षिणी हिस्से में अपनी कार्यों को अंजाम देता है। फिर कुछ साल बीतने के साथ ही जैश अल अदल ने ही ईरान की सैन्यकर्मियों पर हमला कर दिया था। दिसंबर में जैश-अल-अदल ने 11 ईरानी पुलिस के मारे जाने की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद ईरान मौके के इंतजार में था और इस संगठन पर घात लगाए हुए था।
असल में यह संगठन उस जगह सक्रिय है जहां पर ईरान के साथ अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा साझा होती है। यह हिस्सा ईरान के सुरक्षा बलों और सुन्नी आतंकवादियों की वजह से गतिरोध का भाग रहा है। यहां पर ड्रग समगलर भी काफी सक्रिय रहते हैं।