पाकिस्तान ने फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा, पाक विदेश कार्यालय ने बयान जारी कर कहा- लंबित विवाद का हो समाधान...मुद्दे सुलझाने में भारत दिखाए गंभीरता
By भाषा | Published: December 30, 2022 08:10 AM2022-12-30T08:10:06+5:302022-12-30T08:23:11+5:30
आपको बता दें कि दोनों देशों के संबंध उस समय अपने निचले स्तर पर आ गए जब भारत ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के प्रावधान अनुच्छेद-370 को समाप्त कर दिया था।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि वह भारत के साथ अच्छे संबंध चाहता है, लेकिन नई दिल्ली को कश्मीर सहित लंबित मुद्दों का संवाद के जरिये समाधान हेतु गंभीरता दिखानी चाहिए।
विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया के सभी देशों के साथ आपसी सम्मान और संप्रभु समानता के आधार पर पड़ोसियों के साथ शांति की नीति को जारी रखेगा।
पाकिस्तान की रुचि शांति और संवाद में है- मुमताज जहरा बलोच
इस पर बोलते हुए मुमताज जहरा बलोच ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की रुचि शांति और संवाद में है और यह भारतीय प्राधिकारियों पर है कि वे रिश्ते को सुधारने के लिए जिम्मेदार रुख अपनाएं।’’ बलोच ने आगे कहा, ‘‘पाकिस्तान का मानना है कि द्विपक्षीय संबंध तब तक पूरी तरह सामान्य नहीं हो सकते, जबतक कि लंबित विवादों का समाधान न हो जाए, खासतौर पर जम्मू-कश्मीर का मुख्य मुद्दा।’’ मामले में उन्होंने आगे कहा है कि इस्लामाबाद कश्मीर विवाद का संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत समाधान की कोशिश करता रहेगा।
अनुच्छेद-370 के हटने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई थी
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान-भारत रिश्तों में कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को लेकर तनावपूर्ण हैं। दोनों देशों के संबंध उस समय अपने निचले स्तर पर आ गए जब भारत ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले भारतीय संविधान के प्रावधान अनुच्छेद-370 को समाप्त कर दिया।
भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी और भारतीय राजदूत को वापस भेजने के साथ कूटनीतिक संबंधों को सीमित कर दिया था। वर्ष 2019 के बाद से दोनों देशों के व्यापारिक संबंध लगभग ठप है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के मुद्दे पर भारत ने क्या कहा है
भारत ने पाकिस्तान से कहा कि पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश देश का अखंड और अविभाज्य हिस्सा था, है और रहेगा। बलोच ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश सहित अन्य दक्षिण एशियाई देशों से बेहतर संबंध चाहता है।