North Korea Test-Fires Ballistic Missiles: अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान के संयुक्त सैन्य अभ्यास को जवाब, उत्तर कोरिया ने दो बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया, जानें मारक क्षमता
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 1, 2024 11:42 AM2024-07-01T11:42:16+5:302024-07-01T11:43:42+5:30
North Korea Test-Fires Ballistic Missiles: पहली मिसाइल ने 600 किलोमीटर (370 मील) और दूसरी मिसाइल ने 120 किलोमीटर (75 मील) की दूरी तय की, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि ये मिसाइल कहां गिरीं।
North Korea Test-Fires Ballistic Missiles: अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के संयुक्त सैन्य अभ्यास के बाद उत्तर कोरिया ने सोमवार को दो बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। दक्षिण कोरिया की सेना ने यह जानकारी दी। इससे एक दिन पहले ही उत्तर कोरिया ने अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के हालिया संयुक्त सैन्य अभ्यास के जवाब में ‘‘आक्रामक और जबरदस्त’’ प्रतिक्रिया देने का संकल्प लिया था। दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ’ ने कहा कि दोनों मिसाइल दक्षिण-पूर्वी उत्तर कोरिया के जांग्योन शहर से उत्तर-पूर्वी दिशा में 10 मिनट के अंतराल पर प्रक्षेपित की गईं। उसने बताया कि पहली मिसाइल ने 600 किलोमीटर (370 मील) और दूसरी मिसाइल ने 120 किलोमीटर (75 मील) की दूरी तय की, लेकिन उसने यह नहीं बताया कि ये मिसाइल कहां गिरीं।
उत्तर कोरिया आमतौर पर अपने पूर्वी जलक्षेत्र की ओर मिसाइल का परीक्षण करता है, लेकिन दूसरी मिसाइल द्वारा तय की गई दूरी इस जलक्षेत्र तक पहुंचने के लिए काफी नहीं थी। दक्षिण कोरियाई मीडिया ने एक अज्ञात दक्षिण कोरियाई सैन्य सूत्र के हवाले से बताया कि इस बात की संभावना है कि दूसरी मिसाइल उत्तर कोरिया के अंदरूनी इलाके में गिरी हो।
उत्तर कोरिया की जमीन पर संभावित नुकसान की तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है। खबरों में बताया गया कि पहली मिसाइल उत्तर कोरिया के पूर्वी शहर चोंगजिन के पास जलक्षेत्र में गिरी। दक्षिण कोरिया के ‘ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ’ ने इन मीडिया रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया उत्तर कोरिया द्वारा की गई उकसावे वाली हर प्रकार की कार्रवाई का अमेरिकी सेना के साथ मिलकर जवाब देने के लिए दृढ़ता से तत्पर है। यह प्रक्षेपण ऐसे समय किया गया है जब दो दिन पहले दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान का क्षेत्र में बहुक्षेत्रीय त्रिपक्षीय अभ्यास ‘फ्रीडम एज’ समाप्त हुआ था।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी कर इस अभ्यास की कड़ी निंदा की थी और अमेरिका, दक्षिण कोरिया एवं जापान की इस साझेदारी को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का एशियाई संस्करण बताया था। बयान में कहा गया था कि उत्तर कोरिया ‘‘आक्रामक और जबरदस्त जवाबी कार्रवाई करके देश की संप्रभुता, सुरक्षा और हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा।’’
जापान ने अपने नए एच3 रॉकेट से पृथ्वी निगरानी उपग्रह प्रक्षेपित किया
जापान ने सोमवार को एक नया महत्वाकांक्षी एच3 रॉकेट प्रक्षेपित करने के साथ ही आपदा प्रतिक्रिया और सुरक्षा के लिए एक उन्नत पृथ्वी निगरानी उपग्रह अंतरिक्ष में तैनात कर दिया। ‘जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी’ (जाक्सा) ने बताया कि एच3 नंबर 3 रॉकेट ने दक्षिण पश्चिमी जापान के एक द्वीप पर तानेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी और करीब 16 मिनट बाद तय योजना के अनुसार अपना ‘पेलोड’ (उपग्रह) छोड़ा। उन्नत भूमि निरीक्षण उपग्रह या एएलओएस-4 को आपदा प्रतिक्रिया तथा मानचित्रण के लिए पृथ्वी की निगरानी करने तथा डेटा एकत्रित करने का काम सौंपा गया है।
यह सैन्य गतिविधि जैसे कि मिसाइल प्रक्षेपण पर नजर रखने में भी सक्षम है। पहले यह प्रक्षेपण रविवार को किया जाना था लेकिन खराब मौसम के कारण इसमें देरी हुई। एएलओएस-4 मौजूदा एएलओएस-2 की जगह लेगा और यह अधिक व्यापक क्षेत्र की निगरानी कर सकता है। जापान कुछ समय के लिए दोनों उपग्रह का संचालन करेगा। जापान एक स्थिर, व्यावसायिक रूप से प्रतिस्पर्धी अंतरिक्ष परिवहन क्षमता को अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण मानता है।