उत्तर कोरिया ने पुष्टि की है देश में पहला कोरोना वायरस का केस मिलने का शक है। न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार अवैध रूप से बॉर्डर पार कर उत्तर कोरिया में दाखिल हुए एक शख्स में कोरोना के लक्षण मिले हैं। नॉर्थ कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी केसीएनए के अनुसार मामला सामने आने के बाद किम जोंग उन ने इसके बाद बॉर्डर से लगे शहर केसोंग में लॉकडाउन घोषित कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार जिस शख्स में कोरोना वायरस के लक्षण मिले हैं, वो तीन साल पहले दक्षिण कोरिया भाग गया था और अब अवैध तरीके से देश में दाखिल हुआ है। केसीएनएन के मुताबिक, मौजूदा स्थिति को संभालने के लिए प्रभावित इलाकों में इमरजेंसी लगा दी गई है।
बता दें कि उत्तर कोरिया अब तक ये दावा करता रहा है कि देश में अब तक कोरोना का कोई मामला सामने नहीं आया है। ऐसे में अगर संदिग्ध का केस पॉजिटिव निकलता है तो ये कोविड-19 का नॉर्थ कोरिया में पहला मामला होगा।
केसीएनएन के अनुसार, केसोंग शहर में कोरोना संदिग्ध शख्स से संपर्क में आए सभी लोगों की जांच की जा रही है और उन्हें क्वारंटाइन किया गया है। साथ ही पिछले 5 दिनों में शहर में आने वाले लोगों को भी क्वारंटाइन कर उनकी जांच की जा रही है।
किम ने कहा, 'महामारी से सुरक्षा के लिए पिछले 6 महीने में पूरे देश में किए गए तमाम इंतजाम के बावजूद एक संदिग्ध मामला सामने आया है और ऐसे में संभव है कि वायरस देश में आ गया हो।' बताया जा रहा है कि किम जोंग ने इस बात के भी जांच के आदेश दिए हैं कि कैसे यह संदिग्ध उत्तर कोरिया में घुसा।
नॉर्थ कोरिया ने जनवरी में कोविड-19 के खिलाफ नेशनल इमरजेंसी सिस्टम की शुरुआत की थी। इसके तहत सभी बॉर्डर बंद किए गए थे और क्वारंटाइन के नियम भी सख्त किए गए थे।
बहरहाल, विदेशी विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया में कोरोना वायरस फैलने के गंभीर नतीजे हो सकते हैं, क्योंकि उसकी स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत जर्जर है और उसके पास चिकित्सा सामान का अभाव है। करीब 2,00,000 लोगों की आबादी वाला केसोंग शहर दक्षिण कोरिया के साथ लगती सीमा के उत्तर में स्थित है।