उत्तर कोरिया ने अपनी सबसे घातक मिसाइल का परीक्षण किया, भड़के जापान और दक्षिण कोरिया
By शिवेंद्र राय | Published: February 18, 2023 05:18 PM2023-02-18T17:18:43+5:302023-02-18T17:20:08+5:30
कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव कुछ समय से चरम पर है। अमेरिका के साथ दक्षिण कोरिया और जापान का सैन्य अभ्यास चल रहा है। इससे नाराज उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने एक दिन पहले ही अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान को धमकी दी थी।
नई दिल्ली: उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग उन की एक उकसाने वाली कार्रवाई से दक्षिण कोरिया और जापान के साथ उसकी तनातनी बढ़ सकती है। दरअसल दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि उत्तर कोरिया ने शनिवार को एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी है। उत्तर कोरिया की यह मिसाइल जापान के नजदीक समुद्र में गिरी है। इस हरकत से जापान में भी नाराजगी है।
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ और जापान के रक्षा मंत्रालय की तरफ से भी मिसाइल परीक्षण की पुष्टि करते हुए कहा गया है कि प्योंगयांग ने अधिक जानकारी दिए बिना "संभावित बैलिस्टिक मिसाइल" लॉन्च की थी। जापान के रक्षा मंत्रालय ने ये दावा भी किया है कि लॉन्च की गई मिसाइल उत्तर कोरिया की सबसे बड़ी मिसाइलों में से एक थी। यह 1 जनवरी के बाद उत्तर कोरिया का पहला मिसाइल परीक्षण था।
बता दें कि कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव कुछ समय से चरम पर है। अमेरिका के साथ दक्षिण कोरिया और जापान का सैन्य अभ्यास चल रहा है। इससे नाराज उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने एक दिन पहले ही अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान को धमकी दी थी। इसमे चेतावनी देते हुए गया था कि वह दक्षिण कोरिया और अमेरिका की मिलिट्री ड्रिल के खिलाफ अभूतपूर्व कार्रवाई कर सकता है।
उत्तर कोरिया ने खुद को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित किया है और पिछले एक साल से लगभग हर महीने प्रतिबंधों को दरकिनार कर हथियारों का परीक्षण किया है। उत्तर कोरिया के आक्रामक व्यवहार से जहां अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान मिलकर निपटने की कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय की तरफ से साफ कहा जा चुका है कि अगर टोक्यो, वाशिंगटन और सियोल सैन्य गठबंधन बनाते हैं तो उन्हें लगातार और मजबूत जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि मई 2022 में पदभार ग्रहण करने वाले दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने उत्तर कोरिया पर सख्त होने की कसम खाई थी। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद दक्षिण कोरिया के व्यवहार में भी आक्रामकता आई है।