पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने जारी किया गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट
By मनाली रस्तोगी | Published: March 13, 2023 05:07 PM2023-03-13T17:07:12+5:302023-03-13T17:09:25+5:30
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान के खिलाफ महिला न्यायाधीश जेबा चौधरी के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया।
इस्लामाबाद: इस्लामाबाद की एक जिला और सत्र अदालत ने सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने डॉन न्यूज के हवाले से बताया कि अदालत ने एक महिला अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में खान के खिलाफ वारंट जारी किया है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान को आज अदालत में पेश होना था। हालांकि, इमरान खान ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए अदालत में उपस्थिति से छूट की मांग करते हुए एक याचिका दायर की। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अदालत ने इमरान खान की याचिका खारिज कर दी और गिरफ्तारी वारंट जारी किया। अदालत के आदेश में इमरान खान को 29 मार्च को अदालत में पेश करने को कहा गया है।
क्या कहा था इमरान खान ने?
पिछले साल अगस्त में इमरान खान ने अपने विशेष सहायक शाहबाज गिल के साथ एकजुटता दिखाते हुए एक राजनीतिक रैली की थी, जिसमें आरोप लगाया था कि उन्हें हिरासत में प्रताड़ित किया जा रहा है। उस भाषण के दौरान, इमरान खान ने जज ज़ेबा चौधरी को कथित रूप से धमकी देते हुए कहा कि उन्हें खुद को तैयार करना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
A district and sessions court in Islamabad issued non-bailable arrest warrants for PTI chairman Imran Khan on Monday in a case pertaining to using threatening language against a woman additional district and sessions judge and senior police officers, reports Pakistan's Dawn News pic.twitter.com/GDAiP4zH5o
— ANI (@ANI) March 13, 2023
इमरान खान की टिप्पणी के तुरंत बाद उनके खिलाफ न्यायाधीश को धमकी देने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एफआईआर में पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 186 (सार्वजनिक कर्तव्य के निष्पादन में एक लोक सेवक को बाधित करने का अपराध), 188 (एक लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 504 (आपराधिक धमकी) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) जोड़ी गई थी।