नेपाल के प्रधानमंत्री ओली की बोली ने बिगाड़ा सद्भाव, अब नेपाली नागरिकों ने बॉर्डर पर उखाड़े पीलर, हालात तनावपूर्ण
By एस पी सिन्हा | Published: July 19, 2020 04:23 PM2020-07-19T16:23:40+5:302020-07-19T16:23:40+5:30
नेपाल स्थित ठोरी में सोमवार को नेपाली के पीएम व राष्ट्रपति के सीता गुफा के समीप आने की संभावना जताई जा रही है.
पटना: भारत-नेपाल के रिश्तों में आई कडवाहट के दौर में दोनों देशों के बीच एक और सीमा विवाद खड़ा हो गया है. नेपाल क्र प्रधानमंत्री ओली के बोली ने सद्भाव को बिगाड़ दिया है. इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्थित ठोरी के समीप सीमा सीमांकन के लिए लगाए गए पिलर संख्या 436 को शनिवार को नेपालियों ने उखाड़ दिया. सीता गुफा के नजदीक लगे इस पिलर के उखाड़ने का मामला गर्मा गया है.
नेपाल स्थित ठोरी में सोमवार को नेपाली के पीएम व राष्ट्रपति के सीता गुफा के समीप आने की संभावना जताई जा रही है. नेपाली नागरिकों ने बिहार के पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत भिखनाठोडी में सीता गुफा के पास भारतीय जमीन पर नया दावा ठोक दिया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार नेपाल के मंत्रियों व वहां के पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में नेपाली नागरिकों द्वारा एक सीमा पिलर को उखाड़ फेंकने दिया गया है. स्थानीय लोगों ने इसकी जानकारी प्रशासन व सशस्त्र सीमा बल को दी. इसके बद एसएसबी के जवान सीमा पर अलर्ट हैं. एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट ने बताया कि शनिवार की दोपहर तक वह पिलर अपनी जगह पर सुरक्षित था. दोपहर बाद वह उसी जगह पर गिरा पाया गया.
भिखनाठोरी के लोगों की सूचना पर एसएसबी की टीम के घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पिलर उखाड़ने का खुलासा हुआ. मामले की सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है. वहीं उखडे हुए पिलर की निगरानी की जा रही है. कमांडेंट का मानना है कि पिलर मजबूती से गाड़ा हुआ था. कई लोग मिलकर ही उसे उखाड़ सकते हैं. अब वरीय अधिकारियों के निर्देश के बाद पिलर को फिर से उसी जगह पर गाड़ा जाएगा. नेपाली प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के सोमवार को भारत-नेपाल सीमा पर स्थित ठोरी में आने की चर्चा जोरों पर है. सीमा पार के सूत्रों से मिली जानकारी में बताया गया है कि नेपाली राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री सीता गुफा जाएंगे और मंदिर की आधारशिला रखेंगे. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.
यहां उल्लेखनीय है कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भगवान श्रीराम को नेपाल का बताते हुए यह भी कह दिया था कि असली अयोध्या नेपाल में है. उन्होंने भारत की अयोध्या को नकली करार दिया था. ओली के बयान पर गौर करें तो उसके अनुसार ठोडी से लेकर वाल्मीकिनगर के वाल्मीकि आश्रम तक अयोध्या थी. उनके इस बयान से सद्भाव बिगडा है. इस बयान का नेपाल में भी विरोध हुआ था, लेकिन कुछ नेपाली नागरिक इसका समर्थन करने हुए भारत-नेपाल सीमा पर स्थित भगवान राम से जुडे स्थलों पर दावा करने लगे हैं. इसी कडी में कुछ नेपाली नागरिकों ने पश्चिम चंपारण के भिखनाठोडी में सीमा पर लगे 436 नंबर पिलर को उखाड़ दिया.
भिखनाठोडी सीमा के पिलर संख्या 436 के पास नो मेंस लैंड पर स्थित सीता गुफा में बीते तीन दिनों से नेपाली नागरिक पूजा करने आ रहे थे. बहाना रामजन्म भूमि की खोज का था. इसी क्रम में शनिवार को सैकडों की संख्या में नेपाल के ठोरी क्षेत्र के नागरिक पहुंचे. उनके साथ नेपाल के पर्सा जिले के प्रदेश नंबर दो के मंत्री भी आए, साथ में नेपाल के अधिकारी भी थे और नेपाली पुलिस भी थी. चार घंटे तक वहां मेले का दृश्य रहा. सबने पूजा-अर्चना की. लेकिन जाते वक्त नेपाली नागरिकों ने सीमा पर लगे पिलर संख्या 436 को उखाड़कर फेंक दिया.