नेपाल ने भारत के इलाकों पर दिखाया अपना कब्‍जा, कैबिनेट बैठक में नया मैप जारी करने का किया फैसला

By पल्लवी कुमारी | Published: May 19, 2020 09:58 AM2020-05-19T09:58:59+5:302020-05-19T10:41:38+5:30

पिछले हफ्ते धारचूला से लिपुलेख तक एक नई रोड का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्घाटन किया गया था। इस रोड नेपाल सरकार की ओर से आपत्ति जताई गई थी।

Nepal to publish new maps showing Lipulekh and Kalapani subject of disputes India | नेपाल ने भारत के इलाकों पर दिखाया अपना कब्‍जा, कैबिनेट बैठक में नया मैप जारी करने का किया फैसला

Nepal Map प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsलिपुलेख दर्रा कालापानी के निकट सबसे पश्चिमी क्षेत्र है, जो नेपाल और भारत के बीच एक विवादित सीमा है। भारत और नेपाल दोनों ही कालापानी के अपना अभिन्न हिस्सा होने का दावा करते हैं।

काठमांडू: नेपाल और भारत के रिश्ते में दरार पड़ती दिख रही है। नेपाल ने जल्द ही अपना नया मैप जारी करने का फैसला लिया है। सोमवार (18 मई) को  प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्‍व में कैबिनेट की बैठक के दौरान नेपाल के नए मैप को मंजूरी मिल गई है। इसके मुताबिक, लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी नेपाल में हैं। जबकि ये भारत के कब्जे वाले इलाके हैं। ये इलाके भारत-नेपाल की सीमा पर विवादित क्षेत्र है। 

नया मैप जारी होने के बाद नेपाल की राष्ट्रपति विद्या भंडारी ने कहा, "लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी इलाके नेपाल में आते हैं। लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख हमारे हैं और मौजूदा मुद्दों को सुलझाने के लिये उचित कूटनीतिक उपाय अपनाए जाएंगे।" उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को दर्शाते हुए एक नया राजनीतिक नक्शा जारी किया जाएगा। 

नेपाल के विदेश मंत्री ने ट्वीट कर कहा- जल्द नया मैप जारी होगा, जिसमें लिंपियाधुरा, लिपुलेक और कालापानी इलाके भी होंगे

नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्‍यावली ने सोमवार को एक ट्वीट में जानकारी दी कि 'कैबिनेट ने 7 प्रान्‍त, 77 जिलों और 753 स्‍थानीय निकायों वाले नेपाल का नक्‍शा प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। इसमें लिंपियाधुरा, लिपुलेक और कालापानी भी होंगे।'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा रोड के  उद्घाटन के बाद बढ़ा विवाद

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले हफ्ते उत्तराखंड में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर चीन की सीमा से लगी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी इस सड़क का उद्घाटन किया था। नेपाल ने शनिवार को सड़क के उद्घाटन पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि “एकतरफा कार्रवाई” सीमा से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच बनी सहमति के खिलाफ है।  नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्‍यावली ने भारत के राजदूत विनय मोहन क्‍वात्रा को तलब किया था। 

भारत द्वारा लिपुलेख-धारचुला मार्ग तैयार किए जाने पर नेपाल द्वारा आपत्ति किए जाने के सवाल पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि पड़ोसी देश की प्रतिक्रिया हैरान करने वाली थी। सेना प्रमुख ने कहा, “काली नदी के पूरब की तरफ का हिस्सा उनका है। हमने जो सड़क बनाई है वह नदी के पश्चिमी तरफ है। इसमें कोई विवाद नहीं था। मुझे नहीं पता कि वे किसी चीज के लिए विरोध कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “पूर्व में कभी कोई समस्या नहीं हुई है। यह मानने के कारण हैं कि उन्होंने किसी दूसरे के कहने पर यह मामला उठाया है और इसकी काफी संभावना है।” 

लिपुलेख दर्रा कालापानी के निकट सबसे पश्चिमी क्षेत्र है, जो नेपाल और भारत के बीच एक विवादित सीमा है। भारत और नेपाल दोनों ही कालापानी के अपना अभिन्न हिस्सा होने का दावा करते हैं। भारत इसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा मानता है, जबकि नेपाल इसे धारचुला जिले का हिस्सा बताता है। 

English summary :
Last week, a new road from Dharchula to Lipulekh was inaugurated by Defense Minister Rajnath Singh. But Nepal government was not happy with this road construction.


Web Title: Nepal to publish new maps showing Lipulekh and Kalapani subject of disputes India

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