नेपाल के पीएम केपी ओली अपने देश में लगाएंगे इमरजेंसी?, कुर्सी बचाने के लिए अब आर्मी प्रमुख से मिले
By अनुराग आनंद | Published: July 5, 2020 06:23 PM2020-07-05T18:23:12+5:302020-07-05T18:26:23+5:30
पीएम केपी ओली ने इससे पहले अपनी कुर्सी बचाने के लिए राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से भी मुलाकात की थी।
काठमांडू: नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। इसी बीच नेपाल की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की आज( 4 जुलाई) बैठक होने वाली थी। लेकिन, एनसीपी की 45 सदस्यीय शक्तिशाली स्थायी समिति की अहम बैठक को सोमवार तक टाल दिया गया।
ऐसा इसलिए ताकी शीर्ष नेतृत्व को उनके काम करने के तरीकों और भारत विरोधी बयानों पर मतभेदों को दूर करने के लिये और समय दिया जा सके। इस बीच खबर है कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए अब पीएम केपी ओली ने नेपाल चीफ ऑफ ऑर्मी स्टाफ जनरल पुर्ना चन्द्र थापा से मुलाकात की है।
इस मुलाकात के बाद तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं कि कहीं ओली अपनी कुर्सी को संकट में देख संवैधानिक इमरजेंसी या नेपाल सेना की मदद से कोई दूसरा बड़ा फैसला तो नहीं लेने वाले हैं! एएनआई सूत्रों ने इस मुलाकात की पुष्टि की है।
Nepal Prime Minister KP Sharma Oli holds talks with Nepal's Chief of Army Staff (COAS) General Purna Chandra Thapa: Sources (file pics) pic.twitter.com/5Rg3jRwsrr
— ANI (@ANI) July 5, 2020
3 घंटे तक के मुलाकात के बाद भी पीएम केपीओली और पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ में नहीं बनी बात-
हिमालयन टाइम्स समाचार पत्र में यह खबर प्रकाशित हुई है कि पीएम ओली और एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने शुक्रवार (3 जुलाई) को प्रधानमंत्री ओली के आवास में बैठक की। तीन घंटे तक चली बैठक दोनों शीर्ष नेताओं के बीच विश्वास बहाल करने के लिये हुई। पीएम ओली के साथ बैठक के बाद प्रचंड ने नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से भी मुलाकात की।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने को कहा था कि उन्हे पद से हटाने के लिये दूतावासों और होटलों में विभिन्न तरह की गतिविधियां चल रही हैं। उन्होंने कहा कि देश के मानचित्र को अद्यतन कर उसमें रणनीतिक रूप से तीन भारतीय क्षेत्रों-लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा--को शामिल किये जाने संबंधी उनकी सरकार के कदम के बाद के खेल में कुछ नेपाली नेता भी संलिप्त हैं।
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की उठाई मांग
नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनपीसी) की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की बैठक गुरुवाक को स्थगित कर दी गई थी... क्योंकि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे पर कोई आम सहमति बना पाने में नाकाम रहा। यह समिति पार्टी की सबसे प्रभावशाली इकाई है।
एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार को प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि उनकी हालिया भारत विरोधी टिप्पणी ''ना तो राजनीतिक रूप से सही है और ना कूटनीतिक रूप से उपयुक्त है।'' एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने कहा था, प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी कि भारत उन्हें अपदस्थ करने की साजिश रच रहा है , ना तो राजनीतिक रूप से सही है और ना कूटनीतिक रूप से उपयुक्त है।
जानें नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की आज की बैठक के बारे में क्या बोलें वहां के नेता?
- स्थायी समिति के सदस्य गणेश शाह ने कहा कि समिति की बैठक के दौरान दोनों पक्ष कोई ऐसा तंत्र बनाने पर काम करेंगे, जिसके तहत पार्टी और सरकार दोनों को कुछ नियम-कायदों का पालन करना होगा, ताकि मतभेद दूर हो सकें। उन्होंने यह विचार प्रकट किया कि प्रधानमंत्री ओली मनमाने तरीके से सरकार चला रहे हैं और वह पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड को अपना काम नहीं करने दे रहे हैं। ओली और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड, दोनों ही सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष हैं।
-एनसीपी की केंद्रीय समिति के सदस्य एवं विदेश मामलों के पार्टी के उप प्रमुख बिष्णु रिजाल ने कहा कि अब प्रधानमंत्री ओली के समक्ष यह विकल्प है कि वह एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का पालन करते हुए या तो पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ें या फिर प्रधानमंत्री पद का। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मतभेदों को खत्म करने के लिये दोनों पक्षों के बीच समझौता हो जाएगा ताकि शनिवार की बैठक के बाद संकट समाप्त हो जाए।