नेपाल के प्रधानमंत्री ने पार्टी के भीतर चल रहे विवादों पर दी सफाई, कहा- इसे वार्ता के जरिए सुलझाया जा सकता है

By भाषा | Published: July 11, 2020 06:44 PM2020-07-11T18:44:40+5:302020-07-11T18:44:40+5:30

नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के राजनीतिक भविष्य पर फैसला अब 17 जुलाई को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में होने की संभावना है।

Nepal PM Oli Says Intra-party Disputes Can be Resolved With Dialogue as NCP Again Postpones Meet | नेपाल के प्रधानमंत्री ने पार्टी के भीतर चल रहे विवादों पर दी सफाई, कहा- इसे वार्ता के जरिए सुलझाया जा सकता है

केपी शर्मा ओली ने कहा कि पार्टी के भीतर विवादों को वार्ता के जरिये सुलझाया जा सकता है। (फाइल फोटो)

Highlightsकेपी शर्मा ओली ने कम्युनिस्ट पार्टी में कलह को महत्व न देने का प्रयास करते हुए कहा कि इस तरह के विवाद ‘‘आम बात’’ है।ओली ने कहा कि घरेलू मामलों और विवादों को हल करना राजनीतिक दल और उसके नेताओं का कर्तव्य है।

काठमांडू। इस्तीफा देने के बढ़ते दबाव के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कम्युनिस्ट पार्टी में कलह को महत्व न देने का प्रयास करते हुए कहा कि इस तरह के विवाद ‘‘आम बात’’ है जिन्हें वार्ता के जरिये सुलझाया जा सकता है। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) की स्थायी समिति की बैठक एक बार फिर स्थगित हो गई है। ओली ने भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा का भी संकल्प लिया।

एनसीपी की स्थायी समिति की बैठक चौथी बार स्थगित होने के कुछ घंटे बाद राष्ट्र के नाम संबोधन में ओली ने शुक्रवार की रात कहा कि घरेलू मामलों और विवादों को हल करना राजनीतिक दल और उसके नेताओं का कर्तव्य है। एनसीपी की 45 सदस्यीय शक्तिशाली स्थायी समिति की बैठक शुक्रवार को होनी थी, लेकिन बाढ़ तथा भूस्खलन का हवाला देते हुए उसे टाल दिया गया। इन प्राकृतिक आपदाओं में कम से कम 22 लोगों की मौत हो चुकी है। पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ समेत एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग की है। उनका कहना है कि ओली की हालिया भारत विरोधी टिप्पणी ‘न तो राजनीतिक रूप से सही थी और न ही कूटनीतिक रूप से उचित थी।’

ओली ने प्राइम टाइम में अपने संबोधन में कहा, ‘‘एक राजनीतिक दल में इस तरह का विवाद, मतभेद आम बात है। मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि मैं राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने, लोकतांत्रिक गणराज्य की रक्षा करने और राष्ट्रीय गौरव को बनाए रखने के लिये सभी प्रयास करूंगा।’’ भारत के साथ सीमा विवाद के बीच 68 वर्षीय ओली ने कहा, ‘‘मैं राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’’

ओली के राजनीतिक भविष्य पर फैसला अब 17 जुलाई को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में होने की संभावना है। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दो धड़ों के बीच मतभेद उस समय बढ़ गये जब प्रधानमंत्री ने एकतरफा फैसला करते हुए संसद के बजट सत्र का समय से पहले ही सत्रावसान करने का फैसला किया। सत्ता में हिस्सेदारी के मुद्दे पर एनसीपी के एक धड़े का नेतृत्व ओली और दूसरे धड़े का नेतृत्व पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ‘प्रचंड’ करते हैं।

ओली पर प्रधानमंत्री और पार्टी के अध्यक्ष पदों से इस्तीफा देने का जबरदस्त दबाव है क्योंकि एनसीपी के ज्यादातर नेताओं ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने में सरकार की नाकामी और पार्टी को नजरअंदाज करते हुए एकतरफा फैसले लेने के कारण उनसे ऐसा करने को कहा है। रविवार को चीनी राजदूत होउ यान्की ने ओली और प्रचंड के बीच मध्यस्थता के लिए वरिष्ठ नेताओं और पूर्व प्रधानमंत्रियों माधव नेपाल तथा झलनाथ खनाल से मुलाकात की।

प्रचंड के नेतृत्व वाले धड़े ने ओली से प्रधानमंत्री पद के साथ ही पार्टी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा देने को कहा है जबकि ओली इन दोनों अहम पदों में से किसी को भी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। स्थायी समिति के सदस्य गणेश शाह ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कैडर की ओर से एक पद एक व्यक्ति के सिद्धांत का पालन करने की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर ओली दोनों में से एक पद छोड़ देते हैं तो मौजूदा संकट का हल तलाशा जा सकता है।

एनसीपी में पिछले कुछ महीनों से उथल-पुथल चल रही है लेकिन ओली राष्ट्रवाद का नारा देकर और नेपाल के राजनीतिक नक्शे में बदलाव करके असंतुष्ट खेमे का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपने देश के राजनीतिक नक्शे में भारत के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण तीन क्षेत्रों लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को शामिल कर लिया। हालांकि पार्टी में अंदरुनी मतभेद पिछले हफ्ते फिर सामने आए जब ओली ने प्रचंड के नेतृत्व वाले असंतुष्ट खेमे पर नेपाल के दक्षिणी पड़ोसी की मदद से उन्हें हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया।

Web Title: Nepal PM Oli Says Intra-party Disputes Can be Resolved With Dialogue as NCP Again Postpones Meet

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