आसियान दूत को आंग सान सू की से नहीं मिलने देगी म्यांमार की सत्ताधारी सेना
By विशाल कुमार | Published: October 14, 2021 11:09 AM2021-10-14T11:09:58+5:302021-10-14T11:13:09+5:30
म्यांमार की सत्ताधारी सेना जुंटा के प्रवक्ता जॉ मिन टुन ने कहा संयुक्त राष्ट्र में सैन्य सरकार के संयुक्त राष्ट्र राजदूत के नामांकन को मंजूरी देने में देरी राजनीति से प्रेरित थी. संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों और संगठनों को अंतर्राष्ट्रीय मामलों में दोहरे मानकों से बचना चाहिए.
नई दिल्ली:म्यांमार की सत्ताधारी सेना जुंटा के प्रवक्ता ने कहा है कि सेना ने एक विशेष दक्षिण पूर्व एशियाई दूत को देश का दौरा करने से नहीं रोका है, लेकिन उन्हें हिरासत में ली गई पूर्व नेता आंग सान सू की से मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी, क्योंकि उन पर अपराधों का आरोप है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इसके साथ ही प्रवक्ता जॉ मिन टुन ने कहा संयुक्त राष्ट्र में सैन्य सरकार के संयुक्त राष्ट्र राजदूत के नामांकन को मंजूरी देने में देरी राजनीति से प्रेरित थी. संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों और संगठनों को अंतर्राष्ट्रीय मामलों में दोहरे मानकों से बचना चाहिए.
प्रवक्ता की टिप्पणी उस समय आई है जब जुंटा पर पांच सूत्रीय शांति योजना को लागू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है, जिसके लिए जुंटा के शीर्ष जनरल मिन आंग हलिंग ने अप्रैल में दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) के साथ सहमति व्यक्त की थी.
बता दें कि, बीते 1 फरवरी को सेना के तख्तापलट के बाद से म्यांमार राजनीतिक और आर्थिक संकट में घिरा है. उसके बाद से ही वहां विरोध प्रदर्शनों का दौर चल रहा है. इसके साथ ही ताकतवर सेना से लड़ाई के लिए कुछ नागरिक अपनी सेना बना चुके हैं.
पिछले सप्ताह आसियान के विशेष दूत एरीवान युसूफ ने कहा था कि आसियान की योजना पर जुंटा की निष्क्रियता धोखा देने के समान है और कुछ सदस्य देश इस महीने एक शिखर सम्मेलन से मिन आंग हलिंग को बाहर करने के बारे में चर्चा कर रहे हैं.
जुंटा के प्रवक्ता ने इस बात पर भी जोर दिया कि म्यांमार की न्यायिक प्रणाली निष्पक्ष और स्वतंत्र है जो कि आंग सान सू की के मामले को देखेगा. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्य न्यायाधीश को पिछली सरकार द्वारा नियुक्त किया गया था.