बलूचिस्तान में लोगों की आवाज को कुचल रहा है पाकिस्तान, मानवाधिकार आयोग की वेबसाइट पर लगाया अनिश्चितकालीन प्रतिबंध
By रामदीप मिश्रा | Published: May 12, 2020 09:15 AM2020-05-12T09:15:33+5:302020-05-12T09:17:55+5:30
पिछले कुछ वर्षों से बलूचिस्तान में यह समूह सक्रिय रूप से काम कर रहा था ताकि मानव अधिकारों के दुरुपयोग के बारे में जानकारी एकत्र की जा सके और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और संगठनों के सामने पेश किया जा सके।
इस्लामाबादः पाकिस्तानी अधिकारियों ने बलूचिस्तान के मानवाधिकार आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगा दिया है। इसकी जानकारी एक स्थानीय मीडिया एजेंसी बलूचिस्तान पोस्ट ने दी है। उसके अनुसार, यह समूह प्रांत में सक्रिय एक गैर-लाभकारी मानवाधिकार संगठन होने का दावा करता रहा है। इस क्षेत्र में पहले से ही मीडिया पर कड़ा प्रतिबंध लगा हुआ है।
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों से बलूचिस्तान में यह समूह सक्रिय रूप से काम कर रहा था ताकि मानव अधिकारों के दुरुपयोग के बारे में जानकारी एकत्र की जा सके और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और संगठनों के सामने पेश किया जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने पाकिस्तान में मानवाधिकार आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रतिबंध लगाया है। यदि वेबसाइट को खोलने का कोशिश की जाती है तो दिखाई देता है, 'सर्फ सेफली, जिस साइट को खोलने का आप प्रयास कर रहे हैं, उसमें ऐसी सामग्री है जो पाकिस्तान के भीतर दर्शकों के लिए निषिद्ध है।'
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के इस कदम से आयोग को एक बड़ा आघात पहुंचा है और उल्लेख किया है कि वह एक निष्पक्ष 'मानवाधिकार संगठन' है न कि 'बलूचिस्तान में युद्ध के लिए एक पार्टी।'Pakistani authorities have imposed an indefinite ban on the official website of Human Rights Commission of Balochistan.
Read @ANI story | https://t.co/5AN1rTW6HCpic.twitter.com/gjaYzOovrI
— ANI Digital (@ani_digital) May 12, 2020
बलूचिस्तान में मीडिया पर है कड़ा प्रतिबंध
Pakistani authorities have imposed an indefinite ban on the official website of Human Rights Commission of Balochistan.
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वहीं, बलूचिस्तान में मीडिया प्रतिबंध कोई नई घटना नहीं है। पारदर्शी और निष्पक्ष रिपोर्टिंग के बावजूद बलूचिस्तान पोस्ट नेटवर्क को पाकिस्तान में भी प्रतिबंधित कर दिया गया। कुछ अन्य मीडिया और मानवाधिकार संगठनों को भी पाकिस्तान में प्रतिबंधित किया गया।
पत्रकार निकायों और मानव अधिकारों के समूहों का आरोप है कि बलूचिस्तान में कड़े मीडिया प्रतिबंधों के तहत कार्य किया जा रहा है। जनता की राय को दबा दिया जाता है, राजनीतिक असंतोष को क्रूरता के साथ रोका जाता है और बोलने की स्वतंत्रता पर भी रोक लगाई जाती है।