आखिर क्यों विवादों में रहा मिस यूनिवर्स 2025?, मेक्सिको की फातिमा बॉश पर लगे कई आरोप, जानें कहानी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 21, 2025 14:50 IST2025-11-21T14:49:32+5:302025-11-21T14:50:24+5:30
Miss Universe 2025: उप विजेता थाईलैंड की 29 वर्षीय प्रवीनर सिंह रहीं जबकि तीसरा स्थान वेनेजुएला की 25 वर्षीय स्टेफनी एड्रिआना अबासाली नासिर ने हासिल किया।

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बैंकॉकः मेक्सिको की 25 वर्षीय फातिमा बॉश फर्नांडीज ने शुक्रवार को मिस यूनिवर्स 2025 का ताज अपने नाम किया। यह जीत उनके लिए नाटकीय रही, जो बैंकॉक में आयोजित इस लोकप्रिय सौंदर्य प्रतियोगिता के उतार-चढ़ाव वाले 74वें संस्करण के दौरान एक मेजबान द्वारा सार्वजनिक रूप से की गयी बदसलूकी का उनके डटकर सामना करने के कारण चर्चा में रहीं। इस प्रतियोगिता की उप विजेता थाईलैंड की 29 वर्षीय प्रवीनर सिंह रहीं जबकि तीसरा स्थान वेनेजुएला की 25 वर्षीय स्टेफनी एड्रिआना अबासाली नासिर ने हासिल किया।
इस वर्ष की प्रतियोगिता का माहौल एक विवाद के कारण बिगड़ गया था, जिसकी शुरुआत मेक्सिको की प्रतिभागी बॉश को फटकारने से हुई। इस घटना ने बहिष्कार, नारीवादी एकजुटता और स्थानीय आयोजक की भावुक माफी जैसे नाटकीय मोड़ लिए। चार नवंबर को प्रतियोगिता के एक सत्र के दौरान थाईलैंड के राष्ट्रीय निदेशक नवात इट्साराग्रिसिल ने बॉश पर स्थानीय प्रचार गतिविधियों में भागीदारी के दिशा-निर्देशों का पालन न करने का आरोप लगाया और उन्हें फटकार लगायी। जब बॉश ने अपना पक्ष रखने की कोशिश की तो उन्होंने सुरक्षा कर्मियों को बुला लिया।
बॉश कमरे से बाहर चली गईं और उनके समर्थन में कई अन्य प्रतिभागी भी कमरे से बाहर निकल गयीं, जिनमें मिस यूनिवर्स 2024 डेनमार्क की विक्टोरिया कायर थेलविग भी शामिल थीं। बॉश ने थाई पत्रकारों से कहा, ‘‘आपके निदेशक का व्यवहार सम्मानजनक नहीं था, उन्होंने मुझे ‘मूर्ख’ कहा। अगर कोई चीज आपकी गरिमा छीनती है, तो आपको उससे हट जाना चाहिए।’’
‘मिस यूनिवर्स ऑर्गनाइजेशन’ के अध्यक्ष और मेक्सिको के व्यवसायी राउल रोचा कांतू ने एक बयान जारी कर नवात के व्यवहार को ‘‘सार्वजनिक उत्पीड़न’’ और ‘‘गंभीर दुर्व्यवहार’’ बताया था। मेक्सिको की पहली महिला राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम भी बॉश के समर्थन में उतर आयी थीं।
बाद में नवात ने अपने व्यवहार पर माफी मांगी। मिस यूनिवर्स वेबसाइट के अनुसार, बॉश ने मेक्सिको और इटली में फैशन की पढ़ाई की है। उन्होंने बीमार बच्चों की मदद की है, पर्यावरण जागरूकता बढ़ाने और शरणार्थियों तथा मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों पर कार्य किया है।