Coronavirus के प्रकोप को देखते हुए अमेरिकी एयरलाइन्स ने यात्रियों और चालक दल के लिए मास्क पहनना किया अनिवार्य
By भाषा | Published: May 1, 2020 01:47 PM2020-05-01T13:47:30+5:302020-05-01T13:47:30+5:30
अमेरिका की कई व्यावसायिक एयरलाइन कंपनियों ने गुरुवार (30 अप्रैल) को ऐलान किया कि उनके विमानों में सफर करने वालों यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को मास्क लगाना ही होगा।
वॉशिंगटन: अमेरिकन एयरलाइन्स, डेल्टा एयरलाइन्स और यूनाइटेड एयरलाइन्स समेत अमेरिका की कई व्यावसायिक एयरलाइन कंपनियों ने गुरुवार (30 अप्रैल) को घोषणा की कि उन्होंने अपने-अपने विमानों में सफर करने वालों यात्रियों और चालक दल के सदस्यों का मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है।
यह घोषणा तीन यूरोपीय एयरलाइन- लुफ्थांसा एयरलाइन्स, स्विस एयरलाइन्स और ऑस्ट्रियन एयरलाइन्स द्वारा उनकी उड़ानों में यात्रियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किए जाने के कुछ दिनों बाद आई है। अमेरिका की जेट ब्लू और फ्रंटियर एयरलाइन्स ने भी इस हफ्ते की शुरुआत में इसी तरह की घोषणा की थी। अमेरिका में अब तक ऐसी घोषणा नहीं करने वाली बड़ी एयरलाइन कंपनी साउथवेस्ट एयरलाइन्स ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस संबंध में एक घोषणा जल्द की जाएगी।
सभी एयरलाइन्स ने मास्क पहनना किया अनिवार्य
अमेरिकन एयरलाइन्स ने कहा कि 11 मई से, उसके विमान में सफर करने वाली सभी यात्रियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसने कहा कि यह नयी शर्त कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर उसके ग्राहकों एवं टीम के सदस्यों की कुशलता के प्रति एयरलाइन की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कर्ट स्टाशे ने कहा कि उड़ान अटेंडेंट के लिए एक मई से मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
सभी यात्रियों को मास्क उपलब्ध कराएगी यूनाइटेड एयरलाइन्स
उन्होंने कहा, “हमने ग्राहकों से कहा है कि वे यात्रा करते वक्त अपना खुद का मास्क या चेहरे को ढंकने वाला कपड़ा लेकर आएं। कंपनी फेस मास्क और हैंड सैनेटाइजर को पूरक के तौर पर खरीदने की दिशा में काम कर रही है।” डेल्टा एयरलाइन्स ने इस नयी शर्त को चार मई से अनिवार्य किया है। वहीं यूनाइटेड एयरलाइन्स ने कहा कि वह अपने सभी यात्रियों को मास्क उपलब्ध कराएगी।
बता दें इस समय अमेरिका कोरोना वायरस की सबसे ज्यादा मार झेल रहा है। वर्ल्डओमीटर द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में अब तक कुल कोरोना वायरस के 1,095,304 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 63,871 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।