संयुक्त राष्ट्र में काम करने वाला शख्स यौन दुर्व्यवहार में दोषी करार, नौकरी से बर्खास्त
By भाषा | Published: September 19, 2018 02:22 PM2018-09-19T14:22:25+5:302018-09-19T14:22:25+5:30
यूएन वूमन ने पिछले सप्ताह कहा था कि यूएनडीपी के ऑफिस ऑफ ऑडिट एडं इंवेस्टिगेशन ने यूएन वूमन स्टाफ सदस्य के यौन दुर्व्यवहार आरोपों की जांच पूरी कर ली है।
संयुक्त राष्ट्र, 19 सितंबर: लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी में कार्यरत एक भारतीय नागरिक को यौन दुर्व्यवहार के एक मामले की जांच में दोषी पाए जाने के बाद बर्खास्त कर दिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी नियमों के तहत यह सबसे सख्त अनुशासनात्मक कदम है।
यूएन वूमन ने पिछले सप्ताह कहा था कि यूएनडीपी के ऑफिस ऑफ ऑडिट एडं इंवेस्टिगेशन ने यूएन वूमन स्टाफ सदस्य के यौन दुर्व्यवहार आरोपों की जांच पूरी कर ली है।
यौन दुर्व्यवहार के आरोप भारतीय नागरिक रवि करकरा पर लगाए गए हैं, जो यूएन वूमन में रणनीतिक साझेदारी एवं एडवोकेसी के लिए सहायक महासचिव और उप कार्यकारी निदेशक के वरिष्ठ सलाहकर रह चुके हैं। हालांकि, जांच के दौरान स्टाफ सदस्य के नाम का खुलासा नहीं किया गया था।
यहां मंगलवार को जारी एक बयान में यूएन वूमन की कार्यकारी निदेशक फूमजिले मलांबो-नगकूका ने कहा कि यूएन वूमन स्टाफ सदस्य की संलिप्तता वाले एक मामले की जांच और अनुशासनात्मक प्रक्रियाएं पूरी होने पर यह निष्कर्ष निकला है कि यौन दुर्व्यवहार हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘‘परिणाम स्वरूप मैंने स्टाफ के सदस्य को बर्खास्त कर दिया है। यह संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी नियमों के तहत सबसे सख्त अनुशासनात्मक कदम है। अब उस पर संयुक्त राष्ट्र तंत्र के तहत काम करने पर रोक रहेगी।’’
हालांकि, बयान में करकरा का नाम नहीं लिया गया लेकिन मामले की जांच की जानकारी रखने वाले पांच सूत्रों ने ‘न्यूजवीक’ को बताया कि कम से कम आठ लोगों ने उसके खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे।
कार्यकारी निदेशक ने यौन शोषण मामले के पीड़ितों से संपर्क करने के लिए के लिए इस वर्ष की शुरूआत में पूर्णा सेन को कार्यकारी समन्वयक नियुक्त किया था।