किम जोंग उन ने पुतिन से मुलाकात की, यूक्रेन में जारी जंग को पवित्र युद्ध बताया, कहा- हमेशा राष्ट्रपति पुतिन के फैसलों का समर्थन करेंगे
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 13, 2023 04:28 PM2023-09-13T16:28:30+5:302023-09-13T16:29:46+5:30
किम जोंग उन मंगलवार को रूस पहुंचे थे। खास बात ये है कि किम जोंग किसी विमान से नहीं बल्कि बख्तरबंद ट्रेन से रूस पहुंचे। उत्तर कोरियाई नेता ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और कहा कि रूस पश्चिम के साथ एक पवित्र युद्ध लड़ रहा है और दोनों देश मिलकर "साम्राज्यवाद" से लड़ेंगे।
नई दिल्ली: उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और कहा कि रूस पश्चिम के साथ एक पवित्र युद्ध लड़ रहा है और दोनों देश मिलकर "साम्राज्यवाद" से लड़ेंगे। किम ने पुतिन से कहा कि रूस अपनी संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के लिए आधिपत्यवादी ताकतों के खिलाफ एक पवित्र लड़ाई के लिए आगे आया है। हम हमेशा राष्ट्रपति पुतिन और रूसी नेतृत्व के फैसलों का समर्थन करेंगे। उत्तर कोरियाई नेता ने कहा कि साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ाई में हम एक साथ रहेंगे।
किम जोंग उन मंगलवार को रूस पहुंचे थे। खास बात ये है कि किम जोंग किसी विमान से नहीं बल्कि बख्तरबंद ट्रेन से रूस पहुंचे। उत्तर कोरिया के नेता की रूस यात्रा पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की टेढ़ी नजरें हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे पर किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच यूक्रेन में जारी युद्ध के मद्देनजर हथियार खरीदने का सौदा हो सकता है। ये हथियार रूस खरीद सकता है जिसे यूक्रेन में इस्तेमाल किया जा सकता है।
किम जोंग उन के रूस पहुंचने के बाद क्रेमलिन द्वारा जारी की गई तस्वीरों से पता चलता है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को वोस्तोचन कोस्मोड्रोम में मुस्कुराते हुए उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से हाथ मिलाया। इसके बाद एक बैठक की शुरुआत हुई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़े दोनों देशों के बीच होने वाला हथियार सौदा यूरोप और अमेरिका के लिए चिंता की बात है।
उत्तर कोरिया के परमाणु-सक्षम हथियारों और युद्ध सामग्री कारखानों की जिम्मेदारी संभालने वाले शीर्ष सैन्य अधिकारी भी किम के साथ रूस पहुंचे हैं। मुलाकात के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, किम ने उन्हें यात्रा के लिए आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद दिया। महामारी के बाद उनकी पहली विदेश यात्रा है।
दोनों नेता व्लादिवोस्तोक से लगभग 1,000 किलोमीटर दूर एक रूसी अंतरिक्ष बंदरगाह वोस्तोचन कोस्मोड्रोम में मिले। पुतिन ने कहा कि यह स्थान इसलिए चुना गया क्योंकि मॉस्को ने उत्तर कोरिया को उसके उपग्रह कार्यक्रमों में मदद करने की योजना बनाई थी।
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने उत्तर कोरिया के हथियार कार्यक्रमों को सीमित करना चाहता है, जिसके लिए उसने उत्तर कोरिया के खिलाफ कई प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन अगर बदलते परिदृश्य में रूस पिछले दरवाजे से भी उत्तर कोरिया की मदद करता है तो ये अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के लिए खतरनाक हो सकता है। किम जोंग उन पुतिन से अपने देश के परमाणु कार्यक्रम को मदद देने की अपील भी कर सकते हैं।