कजाखस्तानः वाहन ईंधन दोगुना, हिंसक प्रदर्शन में कई प्रदर्शनकारियों और 12 पुलिसकर्मियों की मौत, 353 घायल, सरकारी इमारतों पर हमले और आगजनी
By भाषा | Published: January 6, 2022 08:24 PM2022-01-06T20:24:06+5:302022-01-06T20:26:41+5:30
पुलिस की प्रवक्ता सल्तनत अज़ीरबेक ने सरकारी समाचार चैनल ‘खबर-24’ से बातचीत करते हुए कहा कि कई हमलावरों (चरमपंथी) को ढेर किया गया है।
मॉस्कोः कजाखस्तान में अत्यंत हिंसक प्रदर्शन के दौरान कई प्रदर्शनकारियों और 12 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि इन प्रदर्शनों में सरकारी इमारतों पर हमले किए गए और उन्हें आग लगा दी गई। मध्य एशियाई राष्ट्र में निरंकुश शासन के लिए बढ़ती चुनौती के रूप में बढ़ती अशांति में एक पुलिस अधिकारी का सिर कलम कर दिया गया।
देश के सबसे बड़े शहर में राष्ट्रपति आवास और मेयर के कार्यालय पर बुधवार को धावा बोलने के बाद प्रदर्शनकारियों ने रात भर कई और इमारतों पर हमले की कोशिश की। पुलिस की प्रवक्ता सल्तनत अज़ीरबेक ने सरकारी समाचार चैनल ‘खबर-24’ से बातचीत करते हुए कहा कि कई हमलावरों (चरमपंथी) को ढेर किया गया है।
NOW - Citizens in #Kazakhstan detain military personnel as violent anti-government protests continue to roil the country.pic.twitter.com/MfzpKNPsA8
— Disclose.tv (@disclosetv) January 5, 2022
चैनल ने शहर के अधिकारियों के हवाले से बताया कि अशांति में 12 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई और 353 घायल हो गए। राष्ट्रपति ने शुरू में प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की लेकिन बाद में अशांति को खत्म करने के लिए कठोर उपाय अपनाने की बात कही। इस अशांति के लिए उन्होंने "आतंकवादी समूहों" को दोषी ठहराया और मदद के लिए रूस के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन का आह्वान किया।
अल्माती और दो अन्य शहरों में हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया है और बृहस्पतिवार को दूसरे दिन इंटरनेट सेवा बुरी तरह बाधित रही, जिससे कजाख समाचार साइटों तक पहुंच अवरुद्ध हो गई। तीन दशक पहले सोवियत संघ से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से कजाखस्तान सबसे भयावह विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहा है जहां हजारों लोग लाठी-डंडा और ढाल लेकर सड़कों पर उतर आए हैं।
La situation au Kazakhstan est particulière, alors que la population s'est soulevée contre le gouvernement pour cause d'une situation économique catastrophique et d'une hausse injustifiée des prix du gaz, la police se range aux côtés des manifestants en refusant d'intervenir. https://t.co/WU3wOUIjVT
— L'Encyclopédie (@WorldKnownledge) January 5, 2022
हालांकि प्रदर्शन एक प्रकार के वाहन ईंधन की कीमतों के लगभग दोगुने होने पर शुरू हुए लेकिन उनके आकार और तेजी से फैलने से पता चलता है कि स्वतंत्रता के बाद से एक ही पार्टी के शासन में रहने के कारण देश में व्यापक असंतोष है। रूस के नेतृत्व वाले गठबंधन ‘सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन’ (सीएसटीओ) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह राष्ट्रपति कासिम-जोमार्त तोकायेव के अनुरोध पर कज़ाकिस्तान में शांतिरक्षक भेजेगा। ऑपरेशन सीएसटीओ द्वारा पहली सैन्य कार्रवाई - एक संकेत है कि कजाखस्तान के पड़ोसी, विशेष रूप से रूस, इस बात से चिंतित हैं कि अशांति और फैल सकती है।
रूस और कजाखस्तान घनिष्ठ संबंध साझा करने के साथ ही 7,600 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। रूस की मानवयुक्त अंतरिक्ष-प्रक्षेपण सुविधा, बैकोनूर कोस्मोड्रोम, कजाखस्तान में स्थित है। तोकायेव ने पूरे देश में दो हफ्ते के लिए आपातकाल लगाने की घोषणा की। इसमें रात में कर्फ्यू और धार्मिक सेवाओं पर प्रतिबंध भी शामिल है।
In #Kazakhstan, thousands flocked to the streets to protest rising fuel prices & a collapsing economy. Hours later, the Kazakh govt resigned. Take a look.pic.twitter.com/ys8UFkYr6M
— Steve Hanke (@steve_hanke) January 5, 2022
यह कजाखस्तान में अच्छी खासी संख्या में मौजूद रूढ़िवादी ईसाई आबादी के लिए एक झटका है जो शुक्रवार को क्रिसमस मनाएंगे। समझा जाता है कि विरोध प्रदर्शनों में कोई पहचान योग्य नेता नहीं है। हाल के दिनों में दिखा ज्यादा गुस्सा तोकायेव के खिलाफ नहीं, बल्कि देश के पहले राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेव को लेकर है, जिन्होंने 2019 में इस्तीफे के बाद भी काफी प्रभाव बनाए रखा हुआ है।