जो बाइडन की फिसली जुबान, यूक्रेन के लोगों को कह दिया 'ईरानी', देखें वीडियो
By मनाली रस्तोगी | Published: March 2, 2022 11:24 AM2022-03-02T11:24:17+5:302022-03-02T11:30:59+5:30
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की रूसी आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन का समर्थन करने का आह्वान करते हुए उस समय जुबान फिसल गई जब उन्होंने गलती से यूक्रेनियन को "ईरानी लोगों" के रूप में संबोधित कर दिया।
वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की रूसी आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन का समर्थन करने का आह्वान करते हुए उस समय जुबान फिसल गई जब उन्होंने गलती से यूक्रेनियन को "ईरानी लोगों" के रूप में संदर्भित किया। ऐसे में ट्विटर पर "ईरानी" ट्रेंड कर रहा है। इसके साथ ही बाइडेन का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें यूक्रेन के लोगों को "ईरानी लोगों" के रूप में संबोधित करते हुए सुना जा सकता है।
Kamala appears to mouth “Ukrainian” after Biden accidentally said “Iranian.”pic.twitter.com/hF0tqFfIZo
— The Post Millennial (@TPostMillennial) March 2, 2022
बता दें कि जो बाइडन ने मंगलवार रात (स्थानीय समय के अनुसार) अपने पहले 'स्टेट ऑफ द यूनियन' संबोधन में कहा था कि पुतिन टैंकों के साथ कीव को घेर सकते हैं, लेकिन वह ईरानी लोगों के दिलों और आत्माओं को कभी हासिल नहीं करेंगे। वहीं, ये अजीब क्षण तुरंत ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर "ईरानी" शब्द के साथ ट्रेंड करने लगा। यह पहली बार नहीं है जब 79 वर्षीय जो बाइडन इस तरह से शब्दों में उलझे हुए नजर आए हैं।
अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है। अमेरिका और हमारे सहयोगी सामूहिक शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे। यूक्रेनियन साहस के साथ लड़ रहे हैं। पुतिन को युद्ध के मैदान में लाभ हो सकता है, लेकिन उन्हें लंबे समय तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन pic.twitter.com/jaNbVmhsQq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 2, 2022
पिछले साल सोशल मीडिया ने उनकी उस गलती को हवा दे दी थी, जब उन्होंने गलती से अपनी उपाध्यक्ष कमला हैरिस को "राष्ट्रपति हैरिस" कह दिया था। वहीं, बाइडेन ने स्टेट ऑफ द यूनियन के संबोधन के दौरान रूस व व्लादिमीर पुतिन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है। अमेरिका और हमारे सहयोगी सामूहिक शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे। यूक्रेनियन साहस के साथ लड़ रहे हैं। पुतिन को युद्ध के मैदान में लाभ हो सकता है, लेकिन उन्हें लंबे समय तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।