15 साल की उम्र में सीरिया जा आईएस में शामिल होने वाली लड़की ने दिया बेटे को जन्म, बच्चे की खातिर करना चाहती है ब्रिटेन वापसी
By भाषा | Published: February 18, 2019 03:07 PM2019-02-18T15:07:04+5:302019-02-18T15:07:04+5:30
शमीमा बेगम अब 19 साल की हो गई है। युद्ध की खबर देने वाले एक संवाददाता ने शरणार्थी शिविर में उसका पता लगाया था और देखा था कि वह गर्भवती है और अपने अजन्मे बच्चे की सुरक्षा के लिए युद्ध क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए परेशान है।
अदिति खन्ना
लंदन, 18 फरवरी: सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) में शामिल होने के लिए 2015 में ब्रिटेन से भागी, बांग्लादेशी मूल की एक गर्भवती युवती ने सीरिया में बेटे को जन्म दिया लेकिन बच्चे की सुरक्षा के खातिर अब वह वहां से ब्रिटेन लौटना चाहती है।
2015 में वह 15 साल की, स्कूल छात्रा थी जब वह ब्रिटेन से भाग कर सीरिया में आईएसआईएस में शामिल होने चली गई थी।
शमीमा बेगम अब 19 साल की हो गई है। युद्ध की खबर देने वाले एक संवाददाता ने शरणार्थी शिविर में उसका पता लगाया था और देखा था कि वह गर्भवती है और अपने अजन्मे बच्चे की सुरक्षा के लिए युद्ध क्षेत्र से बाहर निकलने के लिए परेशान है।
उसके परिवार ने रविवार को बताया कि उन्हें सूचना दी गई कि बच्चे ने जन्म ले लिया है। उनके परिवार के वकील ने बयान जारी कर बताया कि शमीमा बेगम ने शनिवार को बच्चे को जन्म दिया और मां-बच्चा दोनों ठीक हैं।
परिवार के वकील मोहम्मद तस्नीम अकुन्जी ने बीबीसी को बताया कि इससे पहले बेगम के दो बच्चों की मौत की वजह से उनका परिवार इस बच्चे की सेहत को लेकर “बहुत चिंतित” था और चाहता था कि दोनों ब्रिटेन लौट आएं।
उन्होंने बताया कि बच्चे से कोई खतरा नहीं है और कानूनी रूप से शमीमा बेगम को ब्रिटिश नागरिक के तौर पर लौटने की इजाजत दी जानी चाहिए।
ब्रिटेन के संस्कृति मंत्री जेरेमी राइट ने मामले के संबंध में कहा कि उसका वापस आना ठीक होगा लेकिन अगर वह वापस आई तो उसे यह समझना होगा कि उसे अब तक किए गए अपनी कार्यों की जिम्मेदारी लेनी होगी।
जिहादी दुल्हन उन महिलाओं को कहा जाता है जो इस्लामी चरमपंथियों से शादी करने का फैसला करती हैं ताकि उनसे पैदा हुए बच्चे इस लड़ाई को आगे ले जा सकें।