पत्रकार जमाल खशोगी की निर्मम हत्या को लेकर हुआ चौंकाने वाला खुलासा, संदिग्धों को सुनाए जाते थे डरावने जोक
By रामदीप मिश्रा | Published: October 2, 2019 10:53 AM2019-10-02T10:53:02+5:302019-10-02T10:56:41+5:30
पत्रकार जमाल खशोगी ने द वाशिंगटन पोस्ट अखबार के आलेखों में वली अहद की आलोचना की थी। खशोगी तुर्की मूल की अपनी मंगेतर से शादी करने की खातिर जरूरी दस्तावेज एकत्रित करने के लिए दो अक्टूबर 2018 को तुर्की में सऊदी वाणिज्य दूतावास गए थे।
पत्रकार जमाल खशोगी की निर्मम हत्या के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें बताया गया है कि संदिग्ध आरोपियों को उनकी हत्या से पहले कई तरह से तैयार किया गया। बताया जा रहा है कि संदिग्धों को डरावने जोक सुनाए जाते थे और खशोगी के टुकड़े कर हत्या करने की बात कही जाती थी। यह सब बातें रिकॉर्ड की गई हैं।
खबरों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने दावा किया है संदिग्धों की बातें रिकॉर्ड हुई हैं। वहीं, एक ब्रिटिश वकील के अनुसार, उसने तुर्की स्थित सऊदी अरब के दूतावास में रिकॉर्डिंग को सुना है। इस रिकॉर्डिंग में पत्रकार खशोगी को 'बलि का बकरा' बनाने की बात कहते हुए सुना गया है।
इधर, सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान ने एक टेलीविजन साक्षात्कार में कहा है कि वह पत्रकार जमाल खशोगी की निर्मम हत्या की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। लेकिन उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि उन्होंने ही इसके लिये आदेश दिए थे।
सलमान (34) ने प्रसारित हुए '60 मिनट' के एक साक्षात्कार में कहा, 'यह जघन्य अपराध था। लेकिन सऊदी अरब का नेता होने के नाते मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं, खासतौर पर इसलिए कि सऊदी अरब सरकार के लिए काम करने वाले लोगों ने इसे अंजाम दिया।' यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने खशोगी की हत्या के आदेश दिये थे, उन्होंने जवाब दिया, 'बिल्कुल नहीं।' उन्होंने कहा कि हत्या एक गलती थी।
उल्लेखनीय है कि खशोगी ने द वाशिंगटन पोस्ट अखबार के आलेखों में वली अहद की आलोचना की थी। खशोगी तुर्की मूल की अपनी मंगेतर से शादी करने की खातिर जरूरी दस्तावेज एकत्रित करने के लिए दो अक्टूबर 2018 को तुर्की में सऊदी वाणिज्य दूतावास गए थे। सऊदी सरकार के एजेंटों ने वाणिज्य दूतावास के भीतर खशोगी की हत्या कर दी और उनके शव को संभवत: क्षत-विक्षत कर दिया, जो अब तक बरामद नहीं हो पाया है।
सऊदी अरब ने 11 लोगों को इस हत्या के लिए आरोपित किया और उन पर मुकदमा चलाया। हालांकि, अभी तक उनमें से किसी को भी सजा नहीं मिली है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि इस हत्याकांड में वली अहद की संभावित भूमिका की जांच होनी चाहिए।