अपने 55वें बर्थडे पर जैक मा ने ली अलीबाबा से विदाई, जानें गरीब शिक्षक से लेकर अब तक का सफर
By ज्ञानेश चौहान | Published: September 10, 2019 01:15 PM2019-09-10T13:15:56+5:302019-09-10T13:39:23+5:30
जैक मा शुरुआत से अमीर नहीं थे उन्होंने काफी स्ट्रगल करके खुद को इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनकी लाइफ शुरुआत में गरीबी में बीती है। जैक मा ने एक गरीब टीचर से करोड़ों का साम्राज्य खड़ा करने का सफर तय किया है।
दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी 'अलीबाब ग्रुप' के मालिक जैक मा का आज (10 सितंबर 2019 को) 55वां जन्मदिन है और आज ही उन्होंने कंपनी से विदाई ले ली है। जैक मा अपनी कंपनी की बागडोर डैनियल झांग को सौंप कर रिटायर हो गए हैं। हालांकि, वह अलीबाबा पार्टनरशिप के सदस्य बने रहेंगे। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि जैक मा शिक्षा के क्षेत्र में काम करने पर फोकस करेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि जैक मा शिक्षक रह चुके हैं और उनका शिक्षा से काफी लगाव रहा है।
1999 में की थी अलीबाबा की स्थापना
जैक मा का चेयरमैन पद से हटने का कार्यक्रम एक साल पहले तय कर लिया गया था। लेकिन वे ऐसे समय कंपनी के चेयरमैन पद से हट रहे हैं जब अमेरिका- चीन के बीच व्यापार युद्ध के चलते तेजी से बदलते उद्योग क्षेत्र में अनिश्चितता का दौर चल रहा है। जैक मा ने 1999 में अलीबाबा की स्थापना की थी। उन्होंने चीन के निर्यातकों को सीधे अमेरिकी खुदरा विक्रेताओं से जोड़ने के लिये अलीबाबा ई- वाणिज्य कंपनी को खड़ा किया। इसके बाद कंपनी ने अपना कार्य क्षेत्र बदलते हुये चीन के बढ़ते उपभोक्ता बाजार में आपूर्ति बढ़ाने का काम शुरू किया। जून में समाप्त तिमाही के दौरान कंपनी के 16.7 अरब डालर के कुल कारोबार में उसके घरेलू व्यावसाय का हिस्सा 66 प्रतिशत रहा है।
गरीब टीचर से करोड़ों का साम्राज्य खड़ा करने का जैक मा का सफर
जैक मा शुरुआत से अमीर नहीं थे उन्होंने काफी स्ट्रगल करके खुद को इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनकी लाइफ शुरुआत में गरीबी में बीती है। जैक मा ने एक गरीब टीचर से करोड़ों का साम्राज्य खड़ा करने का सफर तय किया है।
जैक मा दुनिया के उन कुछ गिने चुने लीडर्स में से एक हैं जिनकी जिंदगी की कहानी हर किसी को इंस्पायर करती है। जैक मा का जन्म 10 सितंबर 1964 को चीन के वांगज़ो प्रांत में एक निम्न मध्यम वर्ग परिवार में हुआ था। जैक मा की एक आदत थी, नई चीजों को सीखने की, नए स्किल्स सीखने की। ये आदत उनमें बचपन से थी।
बचपन में कभी जैक मा ने कंप्यूटर इस्तेमाल नहीं किया। गणित के पेपर में एक बार उन्हें 120 में से केवल एक अंक मिला था। जब जैक मा को अंग्रेजी सीखने का शौक हुआ तो फॉरेन से आने वाले टूरिस्टों के लिए गाइड का काम करने लगे। उनसे अंग्रेजी के लक्षण सीख गए। अब बारी थी पारंपरिक तौर से अंग्रेजी सीखने की। चीन के ही नॉर्मल यूनिवर्सिटी में एडमिशन ले लिया और वहीं से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन कम्पलीट कर लिया। बाद में उन्होंने श्योंग कोंग ग्रेजुएट स्कूल ऑफ़ बिजनेस, बीजिंग से भी डिग्री ली।
शुरुआत में 1980 में वह अपने शहर में एक स्कूल टीचर की नौकरी करने लगे। तीन साल बाद उन्होंने इस नौकरी को छोड़ अनुवाद करने वाली एक कंपनी खोली। जिस समय कंप्यूटर आम आदमी की पहुंच से काफी दूर था, तभी 1995 में जैक मा ने एक ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया। उन्होंने 'चाइना पेजेज' नाम की एक वेबसाइट शुरू की। इस वक्त इस तरह के बिजनेस का सीधा मतलब था रिस्क। खास कर तब जब आपकी फैमिली की फाइनेंसियल कंडीशन बहुत अच्छी नहीं हो। लेकिन जैक मा ने ये रिस्क लिया।
शायद चीन का यह पहला रजिस्टर्ड वेब बिजनेस सेट अप था। लेकिन बिजनेस बहुत अच्छा नहीं कर पा रहा था तो जैक मा ने पूरे प्रोसेस को समझने के लिए कुछ वक्त तक कॉमर्स मिनिस्ट्री जॉइन कर लिया। 1999 में जैक वापस वांगज़ो लौटे और इसी साल अलीबाबा डॉट कॉम की शुरुआत की। इस समय जैक मां की संपत्ति 41 अरब डॉलर (लगभग 25 खरब रुपए) है।