अपने शासन युग के अंत के निकट आने पर फूट रहा इजराइल के नेतन्याहू का गुस्सा
By भाषा | Published: June 11, 2021 02:08 PM2021-06-11T14:08:14+5:302021-06-11T14:08:14+5:30
यरूशलम, 11 जून (एपी) इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू के एतिहासिक 12 वर्ष के शासन की समाप्ति के अंतिम दिनों में भी वह राजनीतिक मंच को शांति से अलविदा नहीं कह रहे हैं।
लंबे समय तक शासन करने वाले नेतन्याहू अपने प्रतिद्वंद्वियों पर उनके मतदाताओं को धोखा देने और कुछ को विशेष सुरक्षा की आवश्यकता पड़ने का आरोप लगा रहे हैं।
नेतन्याहू ने कहा कि वह नीतियों में उलट फेर करने वाली सरकारी एजेंसियों और सेना के प्रभावशाली व्यक्तियों (डीप स्टेट) की साजिश का शिकार हुए हैं। वह जब अपने नेतृत्व के बिना देश की बात करते हैं तो कहते हैं कि देश का सर्वनाश होगा।
नेतन्याहू ने रूढ़िवादी चैनल 20 से इस हफ्ते कहा, ‘‘वे अच्छे को उखाड़ फेंक रहे हैं और उसके स्थान पर बुरे और खरतनाक को ला रहे हैं।” साथ ही कहा, “मुझे देश की नियति को लेकर डर है।”
ऐसी भाषा तनावपूर्ण दिनों को दर्शाती है जब नेतन्याहू और उनके वफादार नयी सरकार को रविवार को शासन संभालने से रोकने के लिए हताश कोशिश कर रहे हैं। अपने लिए विकल्पों की समाप्ति के साथ ही, इसने विपक्ष के नेता के रूप में नेतन्याहू की भूमिका की एक रूपरेखा पेश की है।
जिन लोगों ने नेतन्याहू को कई वर्षों से इजराइली राजनिति में अपना वर्चस्व स्थापित करते देखा है, उनके लिए नेतन्याहू का हाल का व्यवहार काफी जाना-पहचाना है।
वह अकसर बड़े और छोटे खतरों का बेहद नकारात्मक रूप में पेशकरते हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को हमेशा कमतर बताया है और फूट डालो और वह जीतो की युक्ति का इस्तेमाल कर सत्ता में बने रहे हैं। उन्होंने अपने यहूदी विरोधियों को कमजोर, आत्म घृणा करने वाले “वामपंथियों’’ के तौर पर और अरब नेताओं को आतंकवादियों के हमदर्द के संभावित पांचवे स्तंभ के रूप में चित्रित किया है।
वह नियमित तौर पर खुद को देश चलाने में सक्षम एकमात्र व्यक्ति के तौर पर पेश करते हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।