इजराइल ने फिलिस्तीनी से विस्फोटक भरे गुब्बारे छोड़े जाने पर की कार्रवाई, गाजा पट्टी के चरमपंथी संगठन हमास के ठिकानों पर हवाई हमले
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 13, 2020 03:24 PM2020-08-13T15:24:10+5:302020-08-13T16:46:13+5:30
दोनों ही ओर से हताहतों की कोई सूचना नहीं मिली है। हमास द्वारा 2007 में गाजा पर नियंत्रण के बाद से अब तक इजराइल और हमास के बीच तीन युद्ध और कई छिटपुट झड़पें हो चुकी हैं।
गाजा सिटीः इजराइली सेना ने कहा है कि उसने फिलिस्तीनी क्षेत्र से लगातार विस्फोटक भरे गुब्बारों से हो रहे हमलों के जवाब में गाजा पट्टी पर हमास के ठिकानों पर बृहस्पतिवार सुबह हमले किए।
सेना ने कहा कि उसने हमास के नौसैनिक बल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक स्थान, भूमिगत बुनियादी ढांचे और अवलोकन चौकियों को निशाना बनाया है। गौरतलब है कि 2007 में हमास के गाजा पर नियंत्रण हासिल करने के बाद से इज़राइल और हमास के बीच तीन युद्ध हुए हैं और कई छोटी झड़पें हुई है।
हाल के महीनों में दोनों ओर से बड़े पैमाने पर अनौपचारिक संधि देखी गई, लेकिन कुछ दिनों से गाजा से उस ओर से विस्फोटक भरे गुब्बारों से हमले किये गए हैं जिससे पड़ोसी यहूदी कृषि भूमि में आगजनी की घटनाएं हुई हैं। इजराइल सेना ने फिलिस्तीनी क्षेत्र से विस्फोटक भरे गुब्बारे छोड़े जाने पर जवाबी कार्रवाई करते हुए बृहस्पतिवार को सुबह गाजा पट्टी के चरमपंथी संगठन हमास के ठिकानों पर हवाई हमले किए।
इजराइल सेना ने यह जानकारी दी। सेना ने कहा कि हमास के नौसेना बल द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले परिसर, भूमिगत बुनियादी ढांचे और अवलोकन चौकियों पर हमला किया गया। दोनों ही ओर से हताहतों की कोई सूचना नहीं मिली है। हमास द्वारा 2007 में गाजा पर नियंत्रण के बाद से अब तक इजराइल और हमास के बीच तीन युद्ध और कई छिटपुट झड़पें हो चुकी हैं।
पिछले कई महीनों में दोनों ओर से अनाधारिक संघर्ष-विराम बना रहा है लेकिन पिछले कुछ दिनों से गाजा की तरफ से भेजे गए विस्फोटक गुब्बारों से अगल बगल के क्षेत्र के यहूदियों की कृषिभूमि में भारी आग लगने की घटनाएं हुई हैं।
इस पूरी आगजनी के लिए इजराइल हमास को जिम्मेदार मानता है। इन हमलों के जवाब में इजराइल ने घोषणा की कि वह गाजा पट्टी में ईंधन के आयात को रोक देगा और गाजा तट से मछली पकड़ने के क्षेत्र को भी कम करेगा।
इजराइल ने सफलतापूर्वक नए जासूसी उपग्रह के प्रक्षेपण की घोषणा की
इजराइल के रक्षा मंत्री ने नए जासूसी उपग्रह के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण की घोषणा की है जिसके बारे में अधिकारियों का कहना है कि इससे क्षेत्र में खतरों की निगरानी में आसानी होगी। इजराइल में करीब दो दशक से इस तरह के उपग्रह प्रक्षेपित किए जा रहे हैं और ओफेक-16 इसी जासूसी बेड़े में शामिल हो गया है।
हालांकि अधिकारियों ने खास तौर पर किसी खतरे का नाम नहीं लिया । ईरान और इजराइल में पुरानी शत्रुता है और यह इस्लामिक रिपब्लिक पर परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश का आरोप लगाता रहा है। मंत्रालय के अंतरिक्ष एवं उपग्रह प्रशासन के प्रमुख अमनोम हरारे ने कहा, ‘‘ उपग्रहों के सभी समूहों का इस्तेमाल देश के लिए किसी खतरे की निगरानी करने में किया जाता है, जैसा कि आप जानते हैं कि कभी यह खतरा बहुत दूर होता है और कभी नजदीक, इसके लिए लगातार निगरानी की जरूरत होती है।’’
इजराइल ने हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की है कि अभियान में अभी कितने उपग्रह शामिल हैं लेकिन हरारे ने कम से कम दो ओफेक 5 और ओफेक 11 का जिक्र किया है, इन दोनों का प्रक्षेपण क्रमश: 2002 और 2016 में हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘ आप अनुमान लगा सकते हैं कि जब आपके पास आकाश में समानांतर रूप से एक से ज्यादा उपग्रह होते हैं तो आप अपने हितों पर ज्यादा बेहतर तरीके से नजर रख सकते हैं।’’