इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व पीएम इमरान खान पर लगे आतंकवाद के आरोप वापस लिए, जानें मामला
By मनाली रस्तोगी | Published: September 19, 2022 05:05 PM2022-09-19T17:05:20+5:302022-09-19T17:06:11+5:30
इस्लामाबाद के सदर मजिस्ट्रेट अली जावेद की शिकायत पर संघीय राजधानी की एक महिला न्यायाधीश को धमकी देने की शिकायत पर इमरान खान पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत आतंकवाद का मामला दर्ज किया गया था।
इस्लामाबाद: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ आतंकवाद के आरोपों को हटाने का आदेश दिया। रॉयटर्स ने खान के बचाव पक्ष के वकील फैसल चौधरी का हवाला देते हुए ये जानकारी दी। अदालत के अनुसार, खान का कथित अपराध "आतंकवाद के आरोपों को आकर्षित नहीं करता"। इस्लामाबाद सदर मजिस्ट्रेट अली जावेद की शिकायत पर 20 अगस्त को आयोजित एक रैली के दौरान संघीय राजधानी की एक महिला न्यायाधीश को धमकी देने के लिए खान पर आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
हिरासत में यातना के दावों के बाद इमरा खान ने अपने चीफ ऑफ स्टाफ शाहबाज गिल के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए संघीय राजधानी में एक रैली का आयोजन किया था। अपने संबोधन के दौरान खान ने इस्लामाबाद और उप महानिरीक्षक को चेतावनी दी थी कि वह उन्हें "नहीं बख्शेंगे", गिल को अमानवीय यातना के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की कसम खाई थी। देश के मीडिया वॉचडॉग पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने भी टीवी चैनलों पर उनके लाइव भाषणों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इमरान खान के खिलाफ इस्लामाबाद की मारगला पुलिस में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि पीटीआई प्रमुख के भाषण ने "शीर्ष पुलिस अधिकारियों और एक सम्मानित महिला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को आतंकित और धमकी दी थी"। प्राथमिकी में आगे कहा गया कि डराने-धमकाने का मुख्य उद्देश्य पुलिस अधिकारियों और न्यायपालिका को उनके कानूनी दायित्वों को पूरा करने से रोकना था।
22 अगस्त को इमरान खान को मामले में तीन दिनों के लिए ट्रांजिट जमानत के रूप में अस्थायी राहत मिली थी। बाद में अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत को 12 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया था और उन्हें जमानत के रूप में 100,000 पाकिस्तानी रुपए जमा करने का निर्देश दिया था।