ईरान के सर्वोच्च नेता ने न्यायपालिका के नए प्रमुख की नियुक्ति की
By भाषा | Updated: July 1, 2021 18:06 IST2021-07-01T18:06:49+5:302021-07-01T18:06:49+5:30

ईरान के सर्वोच्च नेता ने न्यायपालिका के नए प्रमुख की नियुक्ति की
तेहरान, एक जुलाई (एपी) ईरान के सर्वोच्च नेता ने एक कट्टरपंथी मौलाना की न्यायपालिका के नए प्रमुख के तौर पर नियुक्ति की है। उनपर पश्चिम देशों ने प्रतिबंध लगा रखें हैं। वह हाल में राष्ट्रपति निर्वाचित हुए इब्राहिम रईसी का स्थान लेंगे । पहले इस पद की जिम्मेदारी रईसी संभालते थे।
सरकारी मीडिया ने बृहस्पतिवार को खबर दी कि सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई ने गुलाम हुसैन मोहसिनी अजहाई को न्यायपालिका के प्रमुख पद पर नियुक्त किया है और उनसे इंसाफ का हिमायती होने व भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की गुजारिश की है। एक आदेश में उन्होंने अजहाई के मूल्यवान तजुर्बे, बेहतरीन रिकॉर्ड और कानूनी क्षमता की तारीफ की है। न्यायपालिका के पूर्व प्रमुख इब्राहिम रईसी ने जून में राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता है।
अजहाई उस न्यायपालिका के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालेंगे जिसे अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूह दुनिया की सबसे ज्यादा फांसी की सज़ा देने वाली न्यायपालिका बताते हैं और दोहरी नागरिकता वाले और पश्चिमी देशों से संबंध रखने वाले लोगों के मुकदमों की सुनवाई बंद कमरों करने के लिए उसकी आलोचना करते हैं।
चौसठ वर्षीय अजहाई कट्टरपंथी मौलाना है। वह पहले न्यायपालिका के उप प्रमुख रह चुके हैं। वह महाधिवक्ता के तौर पर भी काम कर चुके हैं। वह खुफिया मामलों के मंत्री भी थे। वह पूर्व राष्ट्रपति महमूद अहमदिनेजाद के 2005-2009 के पहले कार्यकाल के दौरान खुफिया मामलों के मंत्री थे, लेकिन देश में हुए प्रदर्शनों को लेकर 2009 में अजहाई के अहमदीनेजाद के साथ रिश्तों में तनाव आ गया और अहमदीनेजाद ने उन्हें बर्खास्त कर दिया।
बहरहाल, 2009 में अहमदीनेजाद के फिर से निर्वाचित होने को लेकर हुए विवाद से संबंधित मानवाधिकारों उल्लंघन को लेकर अजहाई पर अमेरिका के वित्त विभाग और यूरोपीय संघ ने प्रतिबंध लगा दिए।
रईसी पहले न्यायपालिका के प्रमुख रह चुके हैं और वह खामनेई के करीबी माने जाते हैं। अमेरिका ने 1988 में हजारो राजनीतिक कैदियों को फांसी की सज़ा देने और न्यायपालिका के प्रमुख के तौर पर उनके कार्यकाल को लेकर उनपर प्रतिबंध लगाए हुए हैं।
खामनेई के पास ईरानी कानून के तहत न्यायपालिका के प्रमुख को नियुक्त करने के साथ-साथ सैन्य कमांडरों समेत अन्य वरिष्ठ पदों पर अधिकारियों को नियुक्त करने के अधिकार हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।