ईरान: फिल्मकार जफर पनाही को हुई 6 साल की जेल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 19, 2022 06:47 PM2022-07-19T18:47:28+5:302022-07-19T18:59:16+5:30
ईरान के विश्व प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक जफर पनाही को वहां की अदालत ने छह साल कारावास की सजा सुनाई है।
तेहरान:ईरानी के मशहूर फिल्मकार जफर पनाही को अदालत ने छह साल कारावास की सजा सुनायी है। जफर पनाही की पत्नी ताहरेह सईदी ने 'बीबीसी फारसी' को बताया कि उनसे जेल के गार्ड ने कहा कि पनाही को सजा को पहले सजा सुनायी गयी थी जिसे उन्हें पूरा करना है।
पनाही की पत्नी सईदी ने उनकी गिरफ्तारी को अपहरण बताया है। सईदी ने बीबीसी फारसी से कहा कि "जफर के पास नागरिक अधिकार हैं। उन्हें जेल भेजने से पुलिस को समन भेजना चाहिए था लेकिन जेल के बाहर प्रदर्शन करने वाले को गिरफ्तार कर लेना कई सवाल खड़ा करता है। यह अपहरण करना है।"
साल 2011 में जफर पनाही को ईरानी सरकार की आलोचना करने वाली फिल्म बनाने के आरोप में छह साल की सजा सुनायी गयी थी। जफर पनाही पर 20 सालों तक फिल्म बनाने पर रोक लगायी गयी थी। पनाही के ईरान छोड़ने पर भी पाबन्दी लगायी गयी थी। सजा सुनाए जाने के बावजूद तब पनाही को जेल नहीं भेजा गया।
इस दौरान फिल्म निर्माण पर लगी सरकारी पाबन्दी के बावजूद जफर पनाही चोरी-छिपे फिल्में बनाते रहे, जिसे यूरोपीय फिल्म फेस्टिवल सहित दुनिया के तमाम मंचो पर दिखाया गया।
पनाही को ईरानी पुलिस ने 11 जुलाई को गिरफ्तार किया था। पनाही पुलिस थाने दो अन्य फिल्म निर्देशकों मोहम्मद रसूलोफ और मुस्तफा अल-अहमद के बारे में दरयाफ्त करने पुलिस थाने गए थे, जहां उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया।
समाचार एजेंसी 'एसोसिएट प्रेस' ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया था कि रसूलोफ और अहमद पर सोशल मीडिया द्वारा ईरानी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। मई में एक शहरी इमारत के गिर जाने से 41 लोगों की मौत हो गयी थी।
घटना के बाद ईरानी सरकार पर लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और लोगों ने इसका विरोध किया था। दोनों निर्देशकों ने भी विरोध करने वालों का समर्थन किया था।
जफर पनाही द्वारा बनायी गयी फिल्म 'टैक्सी' को साल 201 5 में बर्लिन का गोल्डेन बीयर पुरस्कार और उनकी फिल्म 'दि सर्किल' को साल 2000 में वेनिस गोल्डेन लॉयन पुरस्कार मिला था।
कौन हैं जफर पनाही
जफर पनाही का जन्म 11 जुलाई 1960 को ईरान के मिनाह में हुआ था। उनके पिता घरों की रंगाईपुताई का काम करते थे। उनका परिवार घर में अजरबेजानी जबान बोलता था और बाहर फारसी।
पनाही को फिल्म-निर्माण में बचपन से रुचि थी। 20 साल की उम्र में वो ईरानी सेना में भर्ती हो गए थे और ईरान-इराक युद्ध में सेना के लिए कैमरामैन के तौर पर काम किया था।
ईरान में सैन्य सेवा पूरी करने के बाद जफर ने फिल्म स्कूल में प्रवेश लिया और सिनेनिर्माण का बाकायदा प्रशिक्षण लिया।