इंडोनेशिया: सही से हिजाब नहीं लगाने पर शिक्षक ने 14 लड़कियों के मुंडवा दिए सिर, घटना के बाद स्कूल ने किया टीचर को निलंबित
By आजाद खान | Published: August 29, 2023 09:22 AM2023-08-29T09:22:14+5:302023-08-29T09:30:40+5:30
इंडोनेशिया में यह पहली घटना नहीं है बल्कि इससे पहले भी ऐसी घटना घट चुकी है। इससे पहले 2021 में एक ऐसा मामला सामने आया था जहां पश्चिमी सुमात्रा में एक ईसाई छात्र को हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया गया था।
जकारता: इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप के एक स्कूल में एक दर्जन से भी अधिक लड़कियों के सिर आंशिक रूप से मुंडवा देने की एक घटना सामने आई है। आरोप है ये लड़कियां इस्लामिक हेडस्कार्फ जिन्हें हिजाब कहा जाता है, उसे ये सही से पहनी नहीं थी।
बता दें कि यह स्कूल ऐसी जगह पर है जहां मुस्लिम और गैर-मुस्लिम दोनों लड़कियों द्वारा हिजाब पहनाना एक आम बात है। हालांकि 2021 में एक नियम बनाया गया था कि स्कूलों को छात्रों को ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए। लेकिन इसके बावजूद भी यहां से इस तरह की खबरें आ रही है। स्कूल ने इस घटना के बाद छात्रों की भावनाओं और संवेदनाओं में मदद करने का भी वादा किया है और उन्हें काउंसलिंग दिलाने की बात कही है।
क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना पूर्वी जावा के लैमोंगन शहर में स्थित एसएमपीएन 1 नामक एक स्कूल में घटी है। रिपोर्ट के मुताबिक, एक शिक्षक पर यह आरोप लगे है कि उसने कुछ दिन पहले 14 मुस्लिम लड़कियों के बाल इसलिए काट दिए थे क्योंकि उन्होंने ठीक तरीके से हेडस्कार्फ नहीं पहना था। मामले में स्कूल के हेड मास्टर हार्टो ने इस घटना पर खेद जताया है और कहा है कि शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है।
यही नहीं अपने बयान में हार्टो ने कहा है कि ये लड़कियां अपने हेडस्कार्फ के नीचे कोई "इनर कैप" नहीं पहनी हुई थी जिस कारण उनका हिजाब भी सही से नहीं लगा था। हार्टो ने उल्लेख किया कि लड़कियों को वास्तव में हिजाब पहनने की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन उन्हें साफ-सुथरे लुक के लिए इनर कैप पहनने का सुझाव दिया गया था। ऐसे में स्कूल ने माता-पिता से माफी मांगी और मामले को आपस में ही सुलझा लिए।
क्या कहते है समाजिक ग्रुप
लोगों के अधिकारों के लिए खड़े कुछ समूहों ने मांग की है कि शिक्षक को बर्खास्त किया जाना चाहिए। यही नहीं ह्यूमन राइट्स वॉच नामक एक संस्था ने कहा है कि लैमॉन्गन का ये मामला इंडोनेशिया के सबसे डरावने मामलों में से एक है। संस्था ने यह भी कहा है कि इससे पहले कभी किसी शिक्षक को छात्रों के बाल काटने के लिए इस तरह से सजा नहीं दिया गया है।
ऐसे में उनका मानना है कि शिक्षक को दंडित किया जाना चाहिए, शायद स्कूल से भी निकाल दिया जाए और मनोवैज्ञानिकों को प्रभावित छात्रों की मदद भी करनी चाहिए। यह पहली बार नहीं है जब हिजाब को लेकर इंडोनेशिया में विवाद हुआ हो, इससे पहले 2021 में एक ऐसा मामला सामने आया था जहां पश्चिमी सुमात्रा में एक ईसाई छात्र को हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि यह मामला इस मुद्दे से जुड़ी एक बड़ी समस्या की शुरुआत है।