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इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया ने तालिबान से महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने को कहा

By भाषा | Updated: September 9, 2021 17:02 IST

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जकार्ता, नौ सितंबर (एपी) दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया के विदेश मंत्री ने तालिबान से महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने और अफगानिस्तान को चरमपंथी गतिविधियों के पनपने का मैदान नहीं बनने देने का बृहस्पतिवार को आग्रह किया।

विदेश मंत्री रेत्नो मरसुदी ने ऑस्ट्रेलिया के विदेश और रक्षा मंत्रियों के संग बैठक के बाद यह टिप्पणी की है जो सुरक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जकार्ता आए हैं।

मरसुदी ने कहा कि इंडोनेशिया अफगानिस्तान में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और उम्मीद करता है कि देश का इस्तेमाल "आतंकवादी संगठनों और गतिविधियों के पनपने और प्रशिक्षण मैदान के रूप में नहीं किया जाएगा जो इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए खतरा हैं।"

तालिबान ने मंगलवार को अंतरिम सरकार का ऐलान किया है जिसमें सभी पुरुष सदस्य हैं। इस सरकार में 1990 के दशक में उसके कट्टरपंथी शासन और अमेरिका नीत बलों के खिलाफ 20 साल लंबी लड़ाई में शामिल लोग सम्मिलित हैं।

इंडोनेशिया ने 2002 के बाद से कई आतंकी हमलों का सामना किया है। 2002 में बाली द्वीप पर किए गए हमले में 202 लोगों की मौत हुई थी जिनमें 88 ऑस्ट्रेलियाई समेत अधिकतर विदेश शामिल थे। बाली में विस्फोट के लिए अल-कायदा से संबंधित जेमाह इस्लामिया नेटवर्क को जिम्मेदार ठहराया गया था।

मरसुदी और उनकी ऑस्ट्रेलिया समकक्ष मारिसे पायने ने तालिबान से मानवाधिकारों, खासकर, महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का सम्मान करने का आग्रह किया।

पायने ने मरसुदी और ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री पीटर डटन एवं इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री प्रबोवो सुबिआंतो के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा, “इन मुद्दों पर एक मजबूत आवाज के साथ एक मुस्लिम देश के रूप में इंडोनेशिया को अहम भूमिका निभानी है।”

पायनो और डटन बुधवार को जकार्ता पहुंचे थे। वह इंडोनेशिया के अलावा हिंद प्रशांत क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया की भूमिका को रेखांकित करने के लिए भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों के साथ बैठकें करेंगे। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन अपना प्रभाव और सैन्य शक्ति को बढ़ा रहा है।

इस महीने के आखिरी में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे जहां वह ‘क्वाड्रीलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग’ में अमेरिका, भारत और जापान के नेताओं से मिलेंगे।

पायने ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को दुनिया में सबसे गतिशील, अभिनव और समृद्ध बताया। उन्होंने कहा कि समृद्धि और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए वे एक ऐसे क्षेत्र का स्वागत करते हैं जो नियमों पर आधारित स्वस्थ प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करे न कि ऐसी प्रतिस्पर्धा लेकर आए जिसमें अस्थिरता या टकराव का खतरा हो।

चारों मंत्रियों ने रक्षा, साइबर प्रौद्योगिकी और आतंकवाद और हिंसक चरमपंथ का मुकाबला करने और कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में सहयोग करने पर सहमति व्यक्त की।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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