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भारतीय महसूस करते हैं कि वे ऐसे समाज में रहते हैं जहां विभिन्न धर्मों के अनुयायी रह सकते हैं: प्यू

By भाषा | Updated: June 29, 2021 20:46 IST

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(ललित के झा)

वाशिंगटन, 29 जून अमेरिकी थिंक-टैंक ‘प्यू’ के नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार, भारतीय आमतौर पर महसूस करते हैं कि वे ऐसे समाज में रहते हैं जहां कई धर्मों के अनुयायी रह सकते हैं और स्वतंत्र रूप से उपासना कर सकते हैं।

वर्ष 2019 के अंत और 2020 की शुरुआत (कोविड-19 महामारी से पहले) के बीच 17 भाषाओं में वयस्कों के आमने-सामने के साक्षात्कार के आधार पर 30 हजार भारतीयों पर प्यू के सर्वेक्षण में पाया गया कि सभी धार्मिक पृष्ठभूमि के भारतीयों का कहना है कि अपने धर्मों की उपासना करने के लिए स्वतंत्र हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार, ‘‘प्रमुख धार्मिक समूहों में, ज्यादातर लोगों का कहना है कि ‘सच्चे भारतीय’ होने के लिए सभी धर्मों का सम्मान करना बहुत महत्वपूर्ण है।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘सहिष्णुता एक धार्मिक और साथ ही एक नागरिक मूल्य है: भारतीय इस विचार को लेकर एकजुट हैं कि अन्य धर्मों का सम्मान करना उनके अपने धार्मिक समुदाय का सदस्य होने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है।’’

इसमें कहा गया है कि भारत के औपनिवेशिक शासन से मुक्त होने के 70 से अधिक वर्षों के बाद, भारतीयों को आमतौर पर लगता है कि उनका देश स्वतंत्रता के बाद के अपने आदर्शों में से एक पर खरा उतरा है: एक ऐसा समाज जहां कई धर्मों के अनुयायी स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं और उपासना कर सकते हैं।

प्यू के अनुसार, ये साझा मूल्य कई विश्वासों के साथ हैं, जो धार्मिक रेखाओं को पार करते हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘भारत में न केवल बहुसंख्यक हिंदू (77 प्रतिशत) कर्म में विश्वास करते हैं, बल्कि मुसलमानों का एक समान प्रतिशत भी करता है।’’

सर्वेक्षण के अनुसार, ‘‘भारत में एक तिहाई ईसाई (32 प्रतिशत) - 81 प्रतिशत हिंदुओं के साथ - कहते हैं कि वे गंगा नदी की पवित्र शक्ति में विश्वास करते हैं।’’ इसके अनुसार सभी प्रमुख धार्मिक पृष्ठभूमि के अधिकांश भारतीयों का कहना है कि बड़ों का सम्मान करना उनकी आस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

सर्वेक्षण में पाया गया है कि हिंदू अपनी धार्मिक पहचान और भारतीय राष्ट्रीय पहचान को आपस में घनिष्ठ रूप से देखते हैं: लगभग दो-तिहाई हिंदुओं (64 प्रतिशत) का कहना है कि ‘‘सच्चा’’ भारतीय होने के लिए हिंदू होना बहुत महत्वपूर्ण है।

प्यू ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अपील हिंदुओं में अधिक है जो अपनी धार्मिक पहचान और हिंदी भाषा को ‘सच्चे भारतीय’ होने के साथ जोड़ती है। 2019 के राष्ट्रीय चुनावों में, 60 प्रतिशत हिंदू मतदाता, जो सोचते हैं कि सच्चा भारतीय होने के लिये हिंदू होना और हिंदी बोलना बहुत महत्वपूर्ण है, उन्होंने उन एक तिहाई हिंदू मतदाताओं की तुलना में भाजपा को वोट दिया,जो राष्ट्रीय पहचान के इन दोनों पहलुओं को कम दृढ़ता से महसूस करते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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