भारत ने UN को बताया, दुनिया भर में एड्स को खत्म करने के लिए इस चीज की पड़ेगी जरूरत
By भाषा | Published: June 13, 2018 10:15 AM2018-06-13T10:15:45+5:302018-06-13T10:15:45+5:30
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में फर्स्ट सेक्रेटरी संदीप कुमार बय्यापू ने मंगलवार को यहां कहा कि समेकित वैश्विक प्रयासों और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबद्धताओं के परिणामस्वरूप महामारी को रोकने में गौर करने लायक प्रगति हुई है।
संयुक्त राष्ट्र, 13 जून: भारत ने कहा है कि दुनिया भर में एड्स महामारी को खत्म करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है, जिससे उन्नत परीक्षण और उपचार के संयोजन को तेजी से लागू करने के अलावा, एचआईवी उपचार के लिए समुदायों के प्रयासों का विस्तार हो सके।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में फर्स्ट सेक्रेटरी संदीप कुमार बय्यापू ने मंगलवार को यहां कहा कि समेकित वैश्विक प्रयासों और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबद्धताओं के परिणामस्वरूप महामारी को रोकने में गौर करने लायक प्रगति हुई है। वैश्विक स्तर पर एचआईवी से पीड़ित अधिकांश लोगों को अब इलाज मिल रहा है और 2010 के बाद से एड्स के कारण होने वाली मृत्यु के मामलों में एक तिहाई की गिरावट आयी है।
वर्ष 2030 तक एड्स महामारी समाप्त करने के लिए एचआईवी और एड्स पर 2016 के राजनीतिक घोषणापत्र के कार्यान्वयन के मामले में दुनिया ने आधा सफर तय किया है।
बय्यापू ने कहा, 'हम समझ सकते हैं कि सहमति वाले लक्ष्यों को 2020 तक पूरी तरह प्राप्त करने के लिए और अधिक प्रयासों की जरूरत है और इस सबसे ऊपर राजनीतिक इच्छाशक्ति से समुदाय के नेतृत्व में विस्तार , एचआईवी उपचार के लिए जन केन्द्रित दृष्टिकोण , तत्काल संपर्क और इलाज का अनुपालन सुनिश्चित हो सकेगा।'
'इंप्लीमेंटेशन ऑफ द डेक्लरेशन ऑफ कमिटमेंट ऑन एचआईवी/एड्स एंड पॉलिटिकल डेक्लरशन ऑन एचआईवी/ ड्स' पर आयोजित एक सत्र में उन्होंने कहा, 'नए और बेहतर परीक्षण और उपचार संयोजनों को तेजी से लागू करना भी महत्वपूर्ण बना हुआ है।'