अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय रैंकः शीर्ष 1000 में जेएनयू शामिल, गुवाहाटी और आईआईटी कानपुर ने लगाई छलांग
By वैशाली कुमारी | Published: June 9, 2021 06:44 PM2021-06-09T18:44:51+5:302021-06-09T19:04:42+5:30
क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी की रैंकिंग (WR) के नए एडिशन के मुताबिक , IIT-बॉम्बे, IIT-दिल्ली और बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के अलावा, कोई दूसरा Indian Institute 2017 के बाद से शीर्ष 200 में प्रवेश करने में सक्षम नहीं है।
पिछले साल कोविड-19 के प्रकोप के बाद दुनिया भर में कक्षाएं बाधित हुई। अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों के ऑनलाइन होने की वजह से शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में भारत के स्थान ने लगातार पांचवें वर्ष कोई बदलाव नहीं दिखाया है।
क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी की रैंकिंग (WR) के नए एडिशन के मुताबिक , IIT-बॉम्बे, IIT-दिल्ली और बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के अलावा, कोई दूसरा Indian Institute 2017 के बाद से शीर्ष 200 में प्रवेश करने में सक्षम नहीं है।
दुनिया के शीर्ष 1,000 में रखे गए भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों की कुल संख्या में भी कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। जबकि 22 भारतीय विश्वविद्यालय इस बार शीर्ष 1,000 में शामिल हैं। शीर्ष 1,000 में 22 भारतीय संस्थानों में से चार (IIT-बॉम्बे, IISC, IIT रुड़की और ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी) पिछले 12 महीनों में रैंक में गिर गए हैं। वहीं सात (IIT-दिल्ली, IIT-मद्रास, IIT-कानपुर, IIT-खड़गपुर, IIT-गुवाहाटी, IIT-हैदराबाद और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय) स्थिति में बढ़े हैं। पिछले साल, 14 विश्वविद्यालय रैंक में गिर गए थे, और केवल चार को ही प्रॉफिट हुआ था।
इसके अलावा, पांच संस्थानों - IIT-मद्रास, IIT-कानपुर, IIT-खड़गपुर, IIT-गुवाहाटी और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय ने रैंकिंग के नए संस्करण में पांच सालों में अपनी सर्वश्रेष्ठ रैंक हासिल की है।
सात और इंस्टीटयूट ने अपनी स्थिति बरकरार रखी, और चार ने रैंकिंग में अपनी शुरुआत की। इसके बाद 1,000 क्लब में प्रवेश किया। पदार्पण करने वालों में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (561-570), पांडिचेरी विश्वविद्यालय (801-100), IIT भुवनेश्वर (701-750) और शिक्षा 'ओ' अनुसंधान (801-100) शामिल हैं।
नवीनतम रैंकिंग पर द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जिसे पिछले साल घोषित किया गया था, ने फैकल्टी और स्कालर को उत्साहित किया है। कुलपति और संस्थानों के प्रमुखों के साथ प्रधान मंत्री के मार्गदर्शन और बातचीत ने इंस्टीटयूट की एक नई संस्कृति को जन्म दिया है, और इससे रैंकिंग में सुधार हुआ है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय(AMU, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और अमृता विश्व विद्यापीठम अब शीर्ष 1,000 में नहीं हैं, जो 801-1,000 के बैंड से गिरकर 1,001-1,200 हो गए हैं।
IIT-बॉम्बे लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे अच्छा उच्च शिक्षा संस्थान बना हुआ है जो कि 177 वें स्थान पर है। हालांकि यह पिछले वर्ष की तुलना में 5 रैंक गिर गया है। इसके बाद IIT-दिल्ली आता है, जो पिछले 12 महीनों में 193 से बढ़कर 185 हो गया है, जो IISC के बाद 186वें स्थान पर है। IISC इस मीट्रिक के लिए 100/100 का सही स्कोर बनाए रखते हुए, दुनिया के शीर्ष अनुसंधान विश्वविद्यालय मे बना हुआ है।
QS के एक बयान के मुताबिक , भारतीय विश्वविद्यालयों ने एकेडमिक प्रतिष्ठा मीट्रिक और शोध प्रभाव पर अपने प्रदर्शन में सुधार किया है, लेकिन शिक्षण क्षमता मीट्रिक पर संघर्ष जारी है। कोई भी भारतीय विश्वविद्यालय फैकल्टी -छात्र अनुपात के लिए शीर्ष 250 में शामिल नहीं है।
विश्व स्तर पर, MIT लगातार 10वें वर्ष शीर्ष विश्वविद्यालय है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय 2006 के बाद पहली बार दूसरे स्थान पर पहुंच गया है, जबकि स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तीसरे स्थान पर हैं। सिंगापुर की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर और नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, चीन की सिंघुआ यूनिवर्सिटी, पेकिंग यूनिवर्सिटी, वैश्विक शीर्ष 20 में एकमात्र एशियाई विश्वविद्यालय हैं।