हवाई के माउंट मौनाकिया में बन रहा संसार का सबसे बड़ा टेलिस्कोप TMT, 5 देश शामिल, भारत की अहम भूमिका

By सतीश कुमार सिंह | Published: May 11, 2019 05:59 PM2019-05-11T17:59:59+5:302019-05-11T17:59:59+5:30

एसोसिएट प्रोग्राम डायरेक्टर ए एन रामप्रकाश ने वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का इस टेलीस्कोप के कंट्रोल सिस्टम, सॉफ्टवेयर और उपकरणों के डेवलपमेंट में बड़ा भाग है। भारत, अमेरिका, चीन, जापान और कनाडा हवाई द्वीप पर बनने वाले दुनिया के सबसे बड़े टेलीस्कोप पर काम कर रहे हैं। 

India is playing a key role in the design and development of the world’s largest optical telescope—the Thirty Meter Telescope, or TMT, to be built at Mauna Kea in Hawaii. | हवाई के माउंट मौनाकिया में बन रहा संसार का सबसे बड़ा टेलिस्कोप TMT, 5 देश शामिल, भारत की अहम भूमिका

टीएमटी जापान के सुबारू टेलीस्कोप से भी बड़ा होगा। सुबारू टेलीस्कोप दुनिया के सबसे बड़े टेलीस्कोप में से एक है।

Highlightsइस टेलीस्कोप द्वारा 500 किलोमीटर की दूरी से एक सिक्के जितनी छोटी चीज भी देखी जा सकेगी।30 मीटर लंबा टेलीस्कोप या टीएमटी मौनाकिया ज्वालामुखी शिखर के पास स्थापित किया जाएगा, जिसकी लागत 1.4 अरब डॉलर आएगी। इन देशों की योजना मार्च 2022 तक निर्माण कार्य पूरा कर लेने की है। जापान निर्माण लागत का करीब एक चौथाई खर्च करेगा।

भारत के लिए एक और गर्व की बात है। संसार के 5 देश, जिसमें भारत भी प्रमुख भूमिका निभा रहा है। विश्व के सबसे बड़े ऑप्टिकल टेलिस्कोप के डिजाइन और डिवेलपमेंट में भारत प्रमुख भूमिका निभा रहा है। यह थर्टी मीटर टेलिस्कोप (TMT) हवाई के माउंट मौनाकिया की मानक स्थान पर तैयार हो रहा है।

एसोसिएट प्रोग्राम डायरेक्टर ए एन रामप्रकाश ने वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का इस टेलीस्कोप के कंट्रोल सिस्टम, सॉफ्टवेयर और उपकरणों के डेवलपमेंट में बड़ा भाग है। भारत, अमेरिका, चीन, जापान और कनाडा हवाई द्वीप पर बनने वाले दुनिया के सबसे बड़े टेलीस्कोप पर काम कर रहे हैं। 

इस टेलीस्कोप द्वारा 500 किलोमीटर की दूरी से एक सिक्के जितनी छोटी चीज भी देखी जा सकेगी। 30 मीटर लंबा टेलीस्कोप या टीएमटी मौनाकिया ज्वालामुखी शिखर के पास स्थापित किया जाएगा, जिसकी लागत 1.4 अरब डॉलर आएगी। इन देशों की योजना मार्च 2022 तक निर्माण कार्य पूरा कर लेने की है।

जापान निर्माण लागत का करीब एक चौथाई खर्च करेगा। माउंट मौनाकिया पर 4012 की ऊंचाई पर स्थित है। करीब 100 खगोलविद् और अधिकारी शामिल होंगे। टीएमटी जापान के सुबारू टेलीस्कोप से भी बड़ा होगा। सुबारू टेलीस्कोप दुनिया के सबसे बड़े टेलीस्कोप में से एक है, जिसका निर्माण मौनाकिया शिखर पर ही हुआ था और उसने 1999 में काम करना शुरू कर दिया था। 

भारतीय इंडस्ट्रीज टेलीस्कोप के सेंसर्स, एक्च्युएटर्स और मैकेनिकल सपोर्ट स्ट्रक्चर को तैयार कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पुंडुचेरी में सेंसर्स तैयार करने का काम चल रहा है, वहीं एक्च्युएटर्स का काम बेंगलुरु में किया जा रहा है। कंटेम्ट्स मुंबई में और टेलीस्कोप का कंट्रोल सिस्टम पुणे में बनाया जा रहा है।

ए एन रामप्रकाश के अनुसार, खगोलशास्त्र के नए आयाम खोलेगा। इसका अंतरिक्ष रिजोल्यूशन नासा द्वारा तैयार किए गए 'हबल स्पेस टेलीस्कोप' से 12 गुना ज्यादा होगा। टेलिस्कोप का निर्माण इस वर्ष शुरू हो जाने की उम्मीद है। 2029-30 तक यह यूनिवर्स की बड़ी तस्वीर पेश करेगी।

Web Title: India is playing a key role in the design and development of the world’s largest optical telescope—the Thirty Meter Telescope, or TMT, to be built at Mauna Kea in Hawaii.

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