India-Central Asia Summit: इंडिया-सेंट्रल एशिया समिट में पीएम मोदी ने अफगानिस्तान पर जताई चिंता, समिट के बताए 3 उद्देश्य
By रुस्तम राणा | Published: January 27, 2022 05:22 PM2022-01-27T17:22:09+5:302022-01-27T17:22:09+5:30
इंडिया सेंट्रल एशिया समिट में पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के घटनाक्रम से हम सभी चिंतित हैं। इस सन्दर्भ में भी हमारा आपसी सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए और महत्वपूर्ण हो गया है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सेंट्रल एशिया के पांच देशों के प्रमुखों के साथ इंडिया सेंट्रल एशिया समिट की अध्यक्षता की। इस समिट में मध्य-एशियाई देश कजाखिस्तान, उज़्बेकिस्तान, तजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और किर्गीज़स्तान के नेता शामिल हुए।
इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और मध्य एशियाई देशों के डिप्लोमेटिक संबंधों ने 30 सार्थक वर्ष पूरे कर लिए हैं। पिछले तीन दशकों में हमारे सहयोग ने कई सफलताएं हासिल की हैं। अब, इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर, हमें आने वाले सालों के लिए भी एक महत्वकांक्षी विजन परिभाषित करना चाहिए।
उन्होंने अफगानिस्तान पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए हम सभी की चिंताएं और उद्देश्य एक समान हैं। अफगानिस्तान के घटनाक्रम से हम सभी चिंतित हैं। इस सन्दर्भ में भी हमारा आपसी सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए और महत्वपूर्ण हो गया है।
All of us share same concerns & goals with regard to regional security. We are all concerned about the developments in Afghanistan. In this context too, mutual cooperation among us has become more important for regional security & stability: PM Modi at India-Central Asia Summit pic.twitter.com/7DPFqu9LSw
— ANI (@ANI) January 27, 2022
इस दौरान पीएम मोदी ने इस समिट के तीन उद्देश्यों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, आज की समिट के तीन प्रमुख उद्देश्य हैं। पहला, यह स्पष्ट करना कि भारत और सेंट्रल एशिया का आपसी सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए अनिवार्य है।
पीएम मोदी ने कहा, भारत की तरफ से मैं यह स्पष्ट करना चाहूँगा कि मध्य एशिया भारत के एकीकृत और स्थिर और विस्तारित पड़ोस के दृष्टिकोण का केंद्र है। उन्होंने समिट के दूसरे उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि दूसरा उद्देश्य, हमारे सहयोग को एक प्रभावी स्ट्रक्चर देना है।
इससे विभिन्न स्तरों पर, और विभिन्न स्टेकहोल्डर के बीच, नियमति संवाद का एक ढांचा स्थापित होगा। उन्होंने कह, तीसरा उद्देश्य हमारे सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप बनाना है।