हिंदू शब्द को ‘अछूत’ और ‘असहनीय’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं कुछ लोग: नायडू
By भाषा | Published: September 10, 2018 03:05 AM2018-09-10T03:05:34+5:302018-09-10T03:05:34+5:30
दूसरी विश्व हिंदू कांग्रेस को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि भारत सार्वभौमिक सहनशीलता में विश्वास करता है और सभी धर्मों को सच्चा मानता है। हिंदू धर्म के अहम पहलुओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘साझा करना’’ और ‘‘ख्याल रखना’’ हिंदू दर्शन के मूल तत्व हैं।
शिकागो, 10 सितम्बर: उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि कुछ लोग हिंदू शब्द को ‘‘अछूत’’ और ‘‘असहनीय’’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने हिंदू धर्म के सच्चे मूल्यों के संरक्षण की जरूरत पर जोर दिया ताकि ऐसे विचारों और प्रकृति को बदला जा सके जो ‘‘गलत सूचनाओं’’ पर आधारित हैं।
यहां दूसरी विश्व हिंदू कांग्रेस को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि भारत सार्वभौमिक सहनशीलता में विश्वास करता है और सभी धर्मों को सच्चा मानता है। हिंदू धर्म के अहम पहलुओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘साझा करना’’ और ‘‘ख्याल रखना’’ हिंदू दर्शन के मूल तत्व हैं।
As Swami Vivekananda said in his inaugural speech at Chicago on Sept 11, 1893, ours is a country that has “taught the world both tolerance & universal acceptance.” India believes not only in universal toleration but we accept all religions as true: VP Venkaiah Naidu at 2nd WHC pic.twitter.com/QEXOdqzpmC
— ANI (@ANI) September 9, 2018
नायडू ने अफसोस जताया कि (हिंदू धर्म के बारे में) काफी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग हिंदू शब्द को ही अछूत और असहनीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लिहाजा, व्यक्ति को विचारों को सही परिप्रेक्ष्य में देखकर प्रस्तुत करना चाहिए ताकि दुनिया के सामने सबसे प्रामाणिक परिप्रेक्ष्य पेश हो पाए।’’