'भारत एंड अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त', नवंबर में मध्यावधि चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने लगाया नया नारा, देखें वीडियो
By भाषा | Published: September 16, 2022 11:40 AM2022-09-16T11:40:46+5:302022-09-16T11:51:54+5:30
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नवंबर में मध्यावधि चुनाव से पहले भारतीय-अमेरिकी समुदाय को लुभाने के प्रयास में जुट गए हैं। इस दौरान उनका हिंदी में नारे लगाने के अभ्यास का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है।
वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नवंबर में मध्यावधि चुनाव से पहले प्रभावशाली भारतीय-अमेरिकी समुदाय को लुभाने के लिए भारत-अमेरिका की मित्रता के संबंध में हिंदी में तैयार एक नारे का अभ्यास करते नजर आए। रिपब्लिकन हिंदू कोलिशन (आरएचसी) द्वारा जारी वीडियों में ट्रंप ‘भारत एंड अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त’ नारे का अभ्यास करते दिख रहे हैं।
30 सेकंड के इस वीडियो में ट्रंप शिकागो के कारोबारी एवं आरएससी के सदस्य शलभ कुमार के साथ बैठे नजर आ रहे हैं। यह नया नारा ट्रंप के 2016 के ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ नारे से प्रेरित है। इस नारे ने भारतीय अमेरिकियों का ध्यान आकर्षित किया था और कई प्रमुख प्रांतों में रिपब्लिकन पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
Thanks Sudhir for tweeting भारत एंड अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त @ndtv weaseled it’s way to interview @POTUS45 after you, #1 TRUMP CHOICE, had just left Zee.Instead of discussing Biden’s reversal of Trump to give$450M F16s to Pak, it harped on non-issues. What say you @gautam_adani ? https://t.co/DVzy9piYtD
— Shalabh Shalli Kumar (@iamshalabhkumar) September 11, 2022
‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ और ‘भारत एंड अमेरिका सबसे अच्छे दोस्त’ के नारे तैयार करने में अहम भूमिका निभाने वाले कुमार के अनुसार उन्होंने और आरएचसी ने भारतीय-अमेरिकी समर्थन हासिल करने के लिए भारतीय मीडिया में पूर्व राष्ट्रपति के नए नारे का प्रचार करने की योजना बनाई है।
राजनीतिक पर्यवेक्षक और ताजा सर्वेक्षण इशारा करते हैं कि मध्यावधि चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी को प्रतिनिधि सभा में एक बार फिर बहुमत मिल सकता है। कुमार ने कहा, ‘‘मुख्य मकसद सीनेट में पांच (रिपब्लिकन) उम्मीदवारों के लिए भारी समर्थन जुटाना है, जहां मतों का अंतर 50,000 से भी कम रहेगा और कुछ सीट पर तो यह 10,000 या पांच हजार मत के आसपास भी रह सकता है।’’
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘हिंदू मतों से अंतर पड़ेगा। इनमें स्वतंत्र मतदाताओं की सबसे बड़ी संख्या है।’’ कुमार और आरएचसी 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के प्रचार अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा थे, लेकिन 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में दोनों अलग हो गए थे।
कुमार ने कहा कि उन्होंने इस साल 21 मार्च को मार-ए-लागो में ट्रंप से मुलाकात की थी। उसके बाद भी दोनों के बीच कुछ बैठकें हुई हैं। अमेरिका के पंजीकृत मतदाताओं में करीब एक प्रतिशत भारतीय-अमेरिकी हैं।