'पाकिस्तान को भारत की तरह मिल सकता था सस्ता रूसी कच्चा तेल, लेकिन...': इमरान खान
By मनाली रस्तोगी | Published: April 10, 2023 10:37 AM2023-04-10T10:37:29+5:302023-04-10T10:39:02+5:30
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने कहा कि इस्लामाबाद भारत की तरह ही सस्ता रूसी कच्चा तेल प्राप्त करना चाहता था लेकिन ऐसा करने में सक्षम नहीं था क्योंकि उनकी सरकार अविश्वास प्रस्ताव की वजह से गिर गई थी।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने एक बार फिर भारत की विदेश नीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद भारत की तरह ही सस्ता रूसी कच्चा तेल प्राप्त करना चाहता था लेकिन ऐसा करने में सक्षम नहीं था क्योंकि उनकी सरकार अविश्वास प्रस्ताव की वजह से गिर गई थी।
एक वीडियो संदेश में राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "हम भारत की तरह ही सस्ता रूसी कच्चा तेल प्राप्त करना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि दुर्भाग्य से अविश्वास प्रस्ताव के कारण मेरी सरकार गिर गई।" बता दें कि वह पिछले 23 वर्षों में मॉस्को का दौरा करने वाले पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री थे। हालाँकि, खान मॉस्को के साथ किसी भी सौदे को पूरा नहीं कर सके जो पाकिस्तान को राहत दे सके।
पाकिस्तान अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इमरान खान ने इस तथ्य पर अफसोस जताया कि उनका देश रूसी कच्चे तेल को रियायती दर पर खरीद सकता है, जो यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत को प्राप्त है। यह याद रखना भी महत्वपूर्ण है कि पिछले साल संघर्ष शुरू होने के दिन इमरान खान रूस में थे। उन्होंने क्लिप में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र किया।
यह पहली बार नहीं था जब खान ने पश्चिमी दबाव के बावजूद अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और रूसी तेल खरीदने के मामले में भारत की उपलब्धियों को स्वीकार किया हो। उन्होंने सितंबर 2022 में एक सार्वजनिक सभा में कहा था, "दुनिया में नवाज के अलावा किसी और नेता के पास अरबों की संपत्ति नहीं है। मुझे एक ऐसे देश के बारे में बताएं जिसके प्रधानमंत्री या नेता के पास देश के बाहर अरबों की संपत्ति हो।"
उन्होंने ये भी कहा था, "हमारे पड़ोसी देश में भी भारत के बाहर पीएम मोदी की कितनी संपत्ति है?" इससे पहले मई 2022 में इमरान खान ने अमेरिका के दबाव के बावजूद रूस से सस्ते तेल खरीदने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की सराहना की थी।