इमरान खान ने कहा, "मानता हूं कि मेरी हुकूमत में कानून का शासन नहीं था, आवाम मुझे माफ करे"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 11, 2022 08:41 PM2022-11-11T20:41:52+5:302022-11-11T20:47:10+5:30
शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ हकीकी आजादी मार्च की अगुवाई कर रहे इमरान खान ने कहा कि पीटीआई की लोकप्रियता के कारण पीएमएल नवाज और पीपीपी ने साजिश के तहत उनके सरकार को बेदखल करने का काम किया है।
गुजरात: हकीकी आजादी मार्च की अगुवाई कर रहे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के मुखिया इमरान खान ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आवाम के बीच इस बात को स्वीकार किया कि उनकी हुकूमत के दौरान मुल्क में कानून का शासन नहीं था। इमरान खान ने इसके लिए जनता से माफी भी मांगी है।
हकीकी आजादी मार्च में एक जर्मन टीवी से बात करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ की लोकप्रियता के कारण पीएमएल नवाज और पीपीपी ने साजिश के तहत गठबंधन बनाकर उनकी सरकार को बेदखल करने का काम किया है।
इमरान खान ने कहा कि यह सारी साजिश नवाज शरीफ ने लंदन में बैठकर आसिफ अली जरदारी के साथ मिलकर की और वो सत्ता से बेदखल होने से पहले से शरीफ और जरदारी के मंसूबे को जानते थे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दोनों विरोधी दलों का गठबंधन बना ही इसलिए था कि इमरान खान को गद्दी से उतारा जा सके।
वहीं वजीराबाद में अपने उपर हुए कातिलाना हमले के बारे में बात करते हुए पीटीआई प्रमुख इमरान खान ने कहा कि उन्हें अपने खिलाफ हो रही कातिलाना साजिश की जानकारी भी पहले से थी। उन्होंने कहा, "यह पूरा मामला दो महीने पहले शुरू हुआ, उन लोगों ने मुझे ईशनिंदा के आरोप में मारने की साजिश रची थी, जैसे उन्होंने सलमान तासीर को मार डाला।"
इसके साथ ही इमरान खान ने कहा कि उन्हें आवाम पर पूरा यकीन है कि वो अगले जनरल इलेक्शन में उनकी पार्टी को वोट देकर पूरी बहुमत के साथ सरकार बनाने का मौका देगी। उन्होंने कहा कि शहबाज सरकार के खिलाफ पीटीआई का लाहौर से इस्लामाबाद के लिए चला हकीकी आजादी का मार्च पूरी तरह से पाकिस्तानी संविधान के हिसाब से है और ऐसा मार्च निकालना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है।
अपनी सत्ता के बेदखली पर उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने गठबंधन बना उनकी सरकार को गिराया, जो कहीं से भी संवैधानिक नहीं था। पीटीआई प्रमुख ने कहा, "उन्होंने मेरी सरकार को चुनाव के जरिये नहीं बल्कि नीलामी के जरिए उखाड़ फेंका गया, जो पूरी तरह से गैर-संवैधानिक कदम था।"
मौजूदा वक्त को मुल्क के लिए बेहद खतरनाक बताते हुए इमरान खान ने कहा है, "मुल्क के बड़े डकैतों ने खुद को बचाने के लिए महज चंद अधिकारियों के साथ गंदा सौदा करके उनकी सरकार को गिरा दिया क्योंकि उन्होंने मुल्क में "कानून के शासन" पर जोर दिया था।
निर्वासित पीएमएल (नवाज) के प्रमुख नवाज शरीफ पर तंज कसते हुए पीटीआई चीफ खान ने कहा, "मुल्क में जो कमजोर है, वह छोटे-मोटे अपराधों के लिए जेलों भेजा जा सकता है लेकिन मुल्क के बड़े चोरों और डकैतों को यहां वह कुछ मिल रहा है जो वे चाहते हैं।"
पीटीआई प्रमुख ने कहा कि मुल्क की आवास यह बस अपनी आखों से देख रही है। यही कारण है कि समाज में अराजकता बढ़ रही है क्योंकि उनकी देखादेखी हर कोई उन्हीं के रास्ते पर चलते हुए चोरी का सहारा ले रहा है।
मालूम हो कि इमरान खान के गोलियों से घायल होने के बाद उनकी पार्टी की ओर से आयोजित हकीकी मार्च एक सप्ताह के ठहराव के फिर से शुरू हो गई है। इस संबंध में इमरान सरकार में मंत्री रहे महमूद शाह कुरैशी ने कहा कि पीटीआई प्रमुख इमरान खान की गैर-हाजिरी में भी यह मार्च निकला है औऱ किसी भी कीमत पर हम पीछे नहीं हटने वाले नहीं हैं।