ब्रिटेन के स्कूलों में हिंदू छात्र हैं नस्लीय भेदभाव के शिकार, रिपोर्ट में दावा- धर्म परिवर्तन का बनाया जाता है दबाव
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 19, 2023 08:09 PM2023-04-19T20:09:29+5:302023-04-19T20:11:42+5:30
थिंक टैंक के सर्वेक्षण में शामिल आधे हिंदू माता-पिता ने बताया कि उनके बच्चों ने स्कूलों में हिंदू-विरोधी नफरत का अनुभव किया है। सामने आया कि एक बच्चे को प्रताड़ित किया गया और कहा गया कि यदि वे इस्लाम धर्म अपना लेते हैं तो उनका जीवन आसान हो जाएगा।
नई दिल्ली: लंदन स्थित एक थिंक टैंक के अनुसार, ब्रिटेन में हिंदू छात्रों को स्कूल की कक्षाओं में डराया-धमकाया जाता है और वह नस्लीय भेदभाव का शिकार होते हैं। थिंक टैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि मुस्लिम छात्र उन्हें अपने जीवन को आसान बनाने के लिए अपना धर्म बदलने के लिए कहते हैं। द टेलीग्राफ ने हेनरी जैक्सन सोसाइटी के एक अध्ययन के हवाले से बताया है कि मुस्लिम विद्यार्थियों ने 'काफिर' जैसे शब्दों का उपयोग करते हुए हिंदुओं को धर्मांतरित होने के लिए रहा। हिंदू छात्रों से कहा गया कि धर्म बदलें या नरक के खतरों का सामना करने के लिए तैयार रहें।
थिंक टैंक के सर्वेक्षण में शामिल आधे हिंदू माता-पिता ने बताया कि उनके बच्चों ने स्कूलों में हिंदू-विरोधी नफरत का अनुभव किया है। जबकि सर्वेक्षण में शामिल 1 प्रतिशत से भी कम स्कूलों ने पिछले पांच वर्षों में हिंदू-विरोधी घटनाओं की सूचना दी है। ब्रिटेन के 988 हिंदू माता-पिता और 1,000 से अधिक स्कूलों को कवर करने वाले सर्वेक्षण में पाया गया कि हिंदुओं के प्रति अपमानजनक टिप्पड़ियों के कई उदाहरण थे। शाकाहार के लिए हिंदू छात्रों का मजाक उड़ाया गया और उनके देवताओं का अपमान भी किया गया।
अध्ययन में कहा गया है कि एक हिंदू छात्रा पर गोमांस फेंका गया था और एक छात्र को हिंदू विरोधियों द्वारा धमकाने के कारण तीन बार पूर्वी लंदन के स्कूलों को बदलना पड़ा था। थिंक टैंक के सर्वेक्षण में सामने आया कि आठ शारीरिक हमलों के मामले भी मिले।
सामने आया कि एक बच्चे को प्रताड़ित किया गया और कहा गया कि यदि वे इस्लाम धर्म अपना लेते हैं तो उनका जीवन आसान हो जाएगा और दूसरे से कहा गया कि आप बहुत लंबे समय तक जीवित नहीं रहेंगे। यदि आप जन्नत में जाना चाहते हैं तो आपको इस्लाम अपनाना होगा।
द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य माता-पिता ने कहा कि बच्चों को एक इस्लामिक उपदेशक के वीडियो देखने और धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा गया। यह पाया गया कि सर्वेक्षण में शामिल केवल 15 प्रतिशत माता-पिता का मानना था कि स्कूल हिंदू-विरोधी घटनाओं को पर्याप्त रूप से सामने ला रहे हैं। मिल्टन कीन्स के कंजर्वेटिव एमपी बेन एवरिट ने द टेलीग्राफ को बताया कि इस रिपोर्ट के बाद उन्होंने धार्मिक शिक्षा में तत्काल सुधार की मांग की।