सावधान! हैकर्स के निशाने पर अमेरिकी परमाणु हथियार एजेंसी, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
By अनुराग आनंद | Updated: December 18, 2020 14:38 IST2020-12-18T14:35:09+5:302020-12-18T14:38:10+5:30
कुछ दिनों पहले गृह सुरक्षा विभाग और एफबीआई ने परमाणु और अन्य उर्जा प्रदाताओं को आगाह किया है कि हैकर्स उनके कंप्यूटर सिस्टम की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश कर सकते हैं। एफबीआई की यह चेतावनी सही साबित हुई है।

हैकर्स के निशाने पर परमाणु संयंत्र (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दुनिया के सबसे ताकतवर देशों की लिस्ट में अमेरिका का नाम पहले स्थान पर है। यही वजह है कि अमेरिकी परमाणु हथियार एजेंसी इंटरनेट हैकर्स के निशाने पर है। अमेरिका के परमाणु हथियारों से संबंधी जानकारी को इकट्ठा रखने वाली प्रमुख एजेंसी अमेरिकी उर्जा विभाग और न्यूक्लियर सिक्योरिटी विभाग की वेबसाइट को कुछ समय के लिए हैक कर लिया गया, जिसके बाद विभाग के अधिकारियों में अफरातफरी मच गई। लेकिन, फिर जल्द ही इसे ठीक कर लिया गया।
द इंडिपेंडेट के रिपोर्ट अनुसार, अधिकारियों ने हैकर्स द्वारा हैक किए जाने के तुरंत बाद इस संबंध में तमाम सबंधित विभागों को जानकारी दी। बता दें कि इंटरनेट हैकर्स द्वारा अमेरिका के फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमिशन (एफईआरसी) की बेवसाइट पर संदिग्ध गतिविधियों को देखा गया था। इसके अलावा, ऊर्जा विभाग समेत परमाणु उर्जा से जुड़े कई अहम विभागों की वेबसाइटों पर भी संदिग्ध गतिविधियों की पहचान हुई थी।
रेगुलेटरी कमिशन (एफईआरसी) के नेटवर्क को हुआ काफी ज्यादा नुकसान
रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि हैकर्स ने परमाणु हथियार संबंधी प्रमुख एजेंसी फेडरल एनर्जी रेगुलेटरी कमिशन (एफईआरसी) के नेटवर्क को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाया है।
डीओई के प्रवक्ता शायलिन हाइन्स ने मीडिया को बताया है कि जिन विभागों के नेटवर्क पर संदिग्ध गतिविधि को देखा गया है, वह सभी विभाग आपस में संपर्क स्थापित कर इस मामले में जांच कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि हैकर्स के गतिविधियो पर हमारे अधिकारियों ने बिल्कुल सही समय एक्शन लिया है।
परमाणु एजेंसियों के व्यावसायिक नेटवर्क को क्षति पहुंचाया
शायलिन हाइन्स ने सबसे अहम बात यह बताया कि अभी तक के जांच में पाया गया है कि हैकर्स ने परमाणु एजेंसियों के केवल व्यावसायिक नेटवर्क को क्षति पहुंचाया है। लेकिन, हैकर्स राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अहम दस्तावेज व योजना से संबंधित जानकारी तक नहीं पहुंच पाए। उन्होंने साफ किया है कि किसी भी तरह से हैकर्स राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यों को प्रभावित नहीं कर पाए हैं।
जैसे ही एजेंसी के अधिकारियों ने संवेदनशील सॉफ़्टवेयर की पहचान की, तो जोखिम को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई की गई। हैकर्स के इस हमले से बचने के लिए संदिग्ध पाए जाने वाले सभी सॉफ़्टवेयर को डीओई नेटवर्क से हटा दिया गया। इस तरह साफ है कि अमेरिका को तेज-तर्रार अधिकारियों ने बड़े जोखिम से बचा लिया।